डेढ़ महीने से सीएम अपने ऑफिस नहीं जा रहे हैं: विजेंद्र गुप्ता
|अधिकारियों और दिल्ली सरकार के बीच टकराव को लेकर विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने एक बार फिर दिल्ली सरकार को घेरा है। गुप्ता का आरोप है कि पिछले डेढ़ महीने से न तो सरकार की कोई कैबिनेट बैठक हुई है और न ही सीएम दिल्ली सचिवालय स्थित अपने ऑफिस जा रहे हैं। उनका कहना है कि न अधिकारी मुख्यमंत्री के आवास पर बैठक के लिए आते हैं और न मुख्यमंत्री सचिवालय बैठक के लिए जाते हैं। कैबिनेट की अंतिम बैठक 22 मार्च को हुई थी, उसके बाद हर सप्ताह होने वाली कैबिनेट बैठक तक नहीं हुई। उन्होंने कहा कि राजनेता अफसरशाही को दिशा-निर्देश देने में अक्षम साबित हो रहे हैं।
गुप्ता ने कहा कि मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ बदसलूकी व मारपीट के मामले के बाद राजनीतिक नेतृत्व और अफसरशाही में खाई दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। मामला सुलझ न पाने के कारण सरकार पंगु हो गई है। सरकार ने जनहित में कोई निर्णय नहीं लिया है और न ही किसी योजना पर काम शुरू किया है। जो काम चल रहे हैं, वे भी बीच में लटक गए हैं। सिग्नेचर ब्रिज जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं को लेकर सरकार के विभिन्न विभागों में समन्वय का अभाव है। पीडब्ल्यूडी और दिल्ली टूरिजम के बीच भुगतान को लेकर विवाद के चलते परियोजना को झटका लगा है।
वहीं उन्होंने यह भी कहा है कि बड़े अस्पतालों में सुविधाओं और दवाओं का घोर अभाव है। दिल्ली सरकार के अस्पतालों में ऑपरेशन थियेटरों पर स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने जो स्टेटस रिपोर्ट दी है, उसके अनुसार 24 सरकारी अस्पतालों में 31 ऑपरेशन थियेटर बंद पड़े हैं। अशोक विहार स्थित सरकार के सबसे नए दीपचन्द बंधु अस्पताल में छह के छह ऑपरेशन थियेटर बंद हैं। दिल्ली सरकार की लापरवाही की वजह से पानी की भारी किल्लत है और कई इलाकों में नलों में सीवर वाला पानी आ रहा है।
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