डीटीसी को सबसे बड़ी जिम्मेदारी
|ऑड-ईवन स्कीम के पार्ट-2 लागू होने के बाद मंडे पहला वर्किंग डे है। इस दिन लोगों को कोई परेशानी न हो, इसके लिए डीटीसी को सारी बसें सड़कों पर उतारने के निर्देश दिए गए हैं। ऑटो-टैक्सी की एक यूनियन की प्रस्तावित हड़ताल को देखते हुए सरकार ने दिल्ली के सभी आईएसबीटी, रेलवे स्टेशनों पर डीटीसी की अडिशनल बसें भेजने का फैसला किया है। डीटीसी के एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक करीब 8 पर्सेंट रिजर्व बसें होती हैं, जिन्हें इमरजेंसी की स्थिति में भेजा जाता है लेकिन मंडे को इन रिजर्व बसों में से भी ज्यादातर को सड़कों पर उतारा जाएगा। इन रिजर्व बसों के लिए रूट प्लान तैयार किया गया है। आईएसबीटी और रेलवे स्टेशनों पर कोई परेशानी न हो, इसके लिए वहां पर बसों की कमी नहीं होने दी जाएगी। हालांकि संडे को 6 ऑटो-टैक्सी यूनियन ने ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर से मुलाकात की और हड़ताल में शामिल नहीं होने के बारे में बताया। लेकिन फिर भी सरकार हर पहलू को ध्यान में रखते हुए प्लानिंग बना रही है और डीटीसी को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। डीटीसी के एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक मंडे को डीटीसी की करीब 4461 बसें सड़कों पर होंगी। इसके अलावा पर्यावरण बस सेवा की भी सभी 607 बसों के लिए रूट प्लान बनाया गया है। क्लस्टर स्कीम की भी करीब 1200 बसें होंगी। हालांकि क्लस्टर स्कीम के तहत चलने वाली करीब 125 बसें अभी नहीं चल रही हैं क्योंकि इन बसों को चलाने वाली एजेंसी और दिल्ली सरकार के बीच शुरू हुआ विवाद अभी नहीं सुलझा है। लेकिन डीटीसी का कहना है कि मंडे को बसों की कोई समस्या नहीं होगी और सारी बसें सड़कों पर उतारी जाएंगी। ऑड-ईवन स्कीम लागू होने के बाद दो दिन के आंकड़ें देखें तो डीटीसी बसों की ट्रिप बढ़ी हैं। अब सड़कें क्लियर होने के कारण डीटीसी के शेड्यूल के मुताबिक करीब 95 पर्सेंट ट्रिप पूरी हो रही हैं। इसका फायदा आम लोगों को तो हो ही रहा है, साथ ही डीटीसी की आमदनी में भी बढ़ोतरी हुई है। तय शेड्यूल के मुताबिक डीटीसी की 95 पर्सेंट ट्रिप पूरी हो रही हैं जबकि जबकि इस स्कीम के शुरू होने से पहले करीब 85 पर्सेंट ट्रिप ही पूरी होती थीं। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि ऑड- ईवन के दौरान सड़कों पर ट्रैफिक जाम की समस्या नहीं रहती और इस कारण बसें ज्यादा ट्रिप लगा पाती हैं। डीटीसी बसों की करीब दो हजार ज्यादा ट्रिप लग रही हैं, जो करीब 200 बसों के चलने के बराबर होती हैं। दिल्ली से नोएडा व गुड़गांव के लिए तीन स्पेशल बस रूट्स पर भी बसों की कमी नहीं होगी। नोएडा सेक्टर-62 से वाया टोल ब्रिज, एम्स होते हुए धौलाकुआं तक के लिए 50 बसों की व्यवस्था की गई है। करोलबाग से धौलाकुआं होते हुए गुड़गांव के लिए 37 बसों को चलाने का प्लान बनाया गया है। उत्तम नगर से द्वारका होते हुए गुड़गांव के लिए कुल 28 बसों की व्यवस्था की गई है। डीटीसी का कहना है कि इस प्लान के मुताबिक एनसीआर के लिए बसें चल रही हैं। अभी डीटीसी पूरी दिल्ली में 555 रूट्स पर बसें चलाती है। अब सरकार ने यह भी तय किया है कि इनमें से 346 बस रूट्स पर अडिशनल बसें भी चलाई जाएंगी। ऑड-ईवन स्कीम के दौरान ये बसें चलेंगी। साथ ही रिंग रोड पर भी 16 स्पेशल-रूट शटल बस सर्विस भी होगी। इस बस सर्विस के जरिए बॉर्डर एरिया को भी कनेक्ट किया जा सकेगा। रिंग रोड पर सभी 9 टर्मिनल तक ये बसें चल रही हैं। बॉर्डर से टर्मिनल तक पहुंचने में लोगों को परेशानी नहीं हो, इसके लिए शटल बस सर्विस शुरू की गई है। आउटर रिंग रोड पर भी बस सर्विस का प्लान बनाया गया है।
पहले दिन 37 लाख लोगों ने किया डीटीसी में सफर ऑड-ईवन स्कीम का पार्ट-2 शुक्रवार को लागू हुआ था। डीटीसी के डिप्टी सीजीएम (पीआर) डॉ. आरएस मिन्हास ने बताया कि पहले दिन 3684918 लोगों ने डीटीसी की बस में सफर किया था। मंडे को यह नंबर 40 लाख के पार होने की पूरी उम्मीद है। ऑड-ईवन के दौरान पहले दो दिनों में डीटीसी की करीब 3900 बसें सड़कों पर आई थी लेकिन मंडे को सारी बसें सड़कों पर उतारे जाने का प्लान बनाया गया है।
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