‘डबल रेट’ में फंसा ग्रीन पार्क का डिवेलपमेंट

कानपुर
पिछले तीन सीजन में ग्रीन पार्क में कई बड़े मैचों की मेजबानी पर गाल बजा रहे उत्तर प्रदेश क्रिकेट असोसिएशन (यूपीसीए) ने स्टेडियम की बदहाली में कोई कसर नहीं छोड़ी है। सूत्रों के अनुसार, नई फ्लड लाइट्स और लिफ्ट आदि लगाने की कोटेशन, मार्केट रेट से डबल थी। जिसे खेल निदेशालय ने रिजेक्ट कर दिया।

अडिशनल चीफ सेक्रेटरी अनिता भटनागर जैन ने बुधवार को कानपुर में जब सार्वजनिक तौर पर सवाल पूछे तो यूपीसीए के ऑफिशल्स खामोश थे। न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट मैच के दौरान टीवी कमेंटटर्स की डिमांड पर सीएम अखिलेश यादव ने ऐलान किया था कि ग्रीन पार्क के मीडिया सेंटर में लिफ्ट लगेगी। इसके अलावा नई प्लेयर्स पविलियन के पीछे फ्लड लाइट टावर की रोशनी फंसने पर नई फ्लड लाइट्स बनाने का प्रपोजल भेजा गया।

दो लिफ्ट लगाने और प्रेस बॉक्स को कवर करने के लिए करीब 4 करोड़ का एस्टिमेट बनाया गया। इसमें हर लिफ्ट की कीमत करीब 1-1 करोड़ रुपये बताई गई। इसी तरह एलईडी बल्ब वाली फ्लड लाइट्स के लिए करीब 17 करोड़ रुपये का एस्टिमेट बना। लखनऊ में खेल निदेशालय ने भारी भरकम बजट देखकर दोनों प्रपोजल रिजेक्ट कर दिए।

बुधवार को कानपुर आईं अडिशनल चीफ सेक्रेटरी ने साफ तौर पर कह दिया कि ‘लखनऊ के स्टेडियम में 8 करोड़ रुपये में फ्लड लाइट्स लग गईं तो आपका बजट इतना ज्यादा क्यों हैं?’ इस सवाल का जवाब कोई नहीं दे सका। लिफ्ट की कोटेशन ऊंची होने पर उन्होंने दूसरे कॉन्ट्रैक्टर से कोटेशन भिजवाने को कहा। गौरतलब है कि लीज की शर्तों के तहत ग्रीन पार्क में कंस्ट्रक्शन का जिम्मा खेल निदेशालय का है।

जानकारों के अनुसार, देश की नामी कंपनियों से फ्लड लाइट्स लगवाने पर भी खर्च 8-10 करोड़ रुपये का आएगा। इसी तरह एक लिफ्ट 35 लाख रुपये के खर्च में आराम से लग रही है। सूत्रों का कहना है कि आपसी सहमति होने के बावजूद जानबूझकर सी-बालकनी की रिपेयरिंग का प्रपोजल भेजा ही नहीं गया। वहीं काफी कोशिशों के बावजूद यूपीसीए के कार्यवाहक सेक्रेटरी युद्धवीर सिंह से बात नहीं हो सकी।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

Uttar Pradesh News in Hindi, उत्तर प्रदेश समाचार, Latest UP Hindi News, उत्तर प्रदेश खबरें