ट्रैफिक जाम से भारत को हर साल 1.4 लाख करोड़ की चपत
|पीक आवर का ट्रैफिक दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरु में हर साल 22 अरब डॉलर (करीब 1.44 लाख करोड़ रुपये) का नुकसान कर रहा है, यानी नैशनल हाइवे अथॉरिटी के सालाना बजट का दोगुना। यह जानकारी ऊबर के लिए बॉस्टन कंसलटिंग ग्रुप की तरफ से की गई स्टडी में सामने आई है।
इसके मुताबिक पीक आवर का ट्रैफिक जाम दिल्ली में सामान्य समय के ट्रैफिक के मुकाबले 129 फीसदी टाइम ज्यादा लेता है, मुंबई में यह डेटा 135, बेंगलुरू में 162 और कोलकाता में 171 फीसदी ज्यादा है। यानी डेढ़ से दो गुना ज्यादा वक्त लोगों को लगता है। इससे होने वाले नुकसान की लागत में पेट्रोल डीजल, पलूशन, लोगों के समय का नुकसान आदि को फैक्टर माना गया। वहीं सिंगापुर में यह 57 फीसदी, हॉन्ग कॉन्ग में 63, ताइपेई में 70 और बैंगकॉक में 105 फीसदी ही है।
इस रिपोर्ट को रिलीज करने के लिए दिल्ली आए ऊबर के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) बार्नी हार्डफोर्ड ने कहा कि कैब पूल से ट्रैफिक की इस समस्या से लड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर यही ट्रेंड चलता रहा तो भारत के शहर कुछ सालों में ट्रैफिक जाम से थम जाएंगे। राइड शेयरिंग से शहरों की सड़कों से 33 से 68 फीसदी ट्रैफिक कम किया जा सकता है। ऊबर के मुताबिक भारत में अभी उनकी कुल राइड्स में 30 फीसदी पूल हैं जबकि सैन फ्रैंसिस्को में यह डेटा 60 फीसदी तक जा पहुंचा है। इस सर्वे के मुताबिक दिल्ली में जिन कम्यूटर्स की राय ली गई उनमें से 89 फीसदी अगले पांच साल में कार खरीदना चाहते हैं। लेकिन इनमें से 79 फीसदी का कहना था कि अगर उन्हें वक्त पर राइड मिलें तो वे अपने कार खऱीदने के फैसले को टाल भी सकते हैं।
ऊबर के सीसीओ बार्नी हार्डफोर्ड ने कहा कि उनकी कंपनी भारत में दूसरी कंपनियों के साथ गठजोड़ की संभावनाओं के बारे में अपने विकल्प खुले रख रही है लेकिन कोई ऐसी डील नहीं करेंगे जिसमें ऊबर का हिस्सा कम हो। उन्होंने कहा कि भारत ऊबर के लिए बहुत महत्वपूर्ण बाजारों में से है और यह दक्षिण पूर्व एशिया से अलग है। गौरतलब है कि दक्षिण पूर्व एशिया के कई बाजारों में ऊबर कम हिस्सेदारी वाली डील कर चुका है।
भारत में ओला से ऊबर को कड़ी टक्कर मिल रही है, हालांकि दोनों कंपनियों में सॉफ्टबैंक का निवेश है। पिछले दिनों ओला ने ऑस्ट्रेलियाई बाजार में भी एंट्री की है और पर्थ और सिडनी में लॉन्च किया है। ऊबर के सीओओ ने कहा कि भारत में उबर निवेश दोगुना कर रही है। फरवरी में उबर के सीईओ भी भारत दौरे पर आए थे।
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