ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार पर फिर से सुप्रीम कोर्ट जा सकती है दिल्ली सरकार

नई दिल्ली
दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच अधिकारों को लेकर चल रहा विवाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी खत्म होता नहीं दिख रहा है। दिल्ली सरकार सरकार वकीलों से सलाह कर कानूनी विकल्प पर विचार कर रही है और वह फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है। आदेश नहीं मानने वाले अफसरों के खिलाफ अवमानना याचिका दायर करने पर भी सरकार विचार कर रही है। डेप्युटी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग की नई व्यवस्था को लेकर दिल्ली सरकार के आदेश को मानने से अफसरों ने इनकार कर दिया है। अफसरों द्वारा सरकार के निर्देशों को मानने से इनकार करना सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ की अवमानना है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एलजी के पास अब सर्विसेज डिपार्टमेंट की फाइल साइन करने के अधिकार नहीं है।

दिल्ली सरकार ने अफसरों को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना की गई तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। डेप्युटी सीएम मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर बताया कि सर्विसेज डिपार्टमेंट के सेक्रटरी को दिल्ली सरकार का आदेश लागू करने को एक बार फिर से कहा गया है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट कर कहा कि सभी ऑफिसर्स को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करना चाहिए। कोर्ट के आदेश की खुलेआम अवहेलना करने के गंभीर परिणाम होंगे और यह किसी के भी हित में नहीं होगा।

बुधवार को सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के कुछ घंटे बाद ही दिल्ली सरकार ने सर्विसेज डिपार्टमेंट के लिए आदेश जारी कर बताया था कि अब सरकार में काम करने वाले आईएएस, दाानिक्स समेत सभी कैटिगरी में अफसर की ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए अप्रूविंग अथॉरिटी कौन होगा? सीएम, डेप्युटी सीएम और कैबिनेट मिनिस्टर्स की अप्रूवल से अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग होगी, जबकि अभी जो व्यवस्था है, उसमें अप्रूविंग अथॉरिटी एलजी, सीएस और सीनियर ऑफिसर्स हैं।

डेप्युटी सीएम ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि चीफ सेक्रेटरी की ओर से एक नोट मिला है, जिसमें बताया गया है कि सर्विसेज डिपार्टमेंट इस आदेश का पालन नहीं कर सकता क्योंकि केंद्रीय गृह मंत्रालय का 21 मई 2015 का नोटिफिकेशन रद्द नहीं हुआ है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है। लेकिन डेप्युटी सीएम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह साफ हो गया है कि केंद्र सरकार और एलजी के पास केवल पब्लिक ऑर्डर, पुलिस और जमीन से जुड़े मामलों पर फैसले लेने की पावर है और सर्विसेज समेत दूसरे सभी मामले दिल्ली की चुनी हुई सरकार के दायरे में आते हैं। उन्होंने कहा कि कोर्ट के फैसले के बाद अब सर्विसेज का सब्जेक्ट केंद्र के पास होने की दूर-दूर तक गुंजाइश नहीं है और अगर अब भी एलजी द्वारा सर्विसेज की फाइल पर फैसले लिए जाएंगे तो यह सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ की अवमानना होगी।

डेप्युटी सीएम ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि एलजी अब सर्विसेज की फाइल साइन नहीं करेंगे। अब सवाल यह है कि अगर अफसर सर्विसेज को लेकर दिल्ली सरकार का आदेश नहीं मानेंगे तो दिल्ली सरकार में ट्रांसफर-पोस्टिंग कैसे होगी और सरकार का कामकाज ठप हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हम अपने वकीलों से सलाह-मशविरा कर रहे हैं कि इस स्थिति में क्या किया जा सकता है। मैं अधिकारियों के साथ-साथ केंद्र से अपील करता हूं कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करें। सिसोदिया ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने सारी चीजें स्पष्ट कर दी है। दिल्ली में सरकार कैसे चलेगी और दिल्ली में संवैधानिक स्थिति क्या है, सारी स्थिति साफ है। लेकिन अगर अफसर अब दिल्ली सरकार के आदेश नहीं मानेंगे तो इससे अफरातफरी की स्थिति पैदा हो सकती है।

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