टॉइलट बनाने के लिए उधार लिया, साहूकार ने बेटे को बनाया बंधुआ मजदूर!

कानपुर उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के ग्रामीण इलाके बिधनू के पतेहुरी गांव में साहूकार से कर्ज लेकर घर में शौचालय बनाने का मामला सामने आया है। एक युवक के पिता का कहना है कि शौचालय बनाने के लिये जिस साहूकार से कर्ज लिया है उसने उसके बेटे को मजदूर बना कर कर्ज चुकता करने को कहा है।

इस मामले पर शहर के सीडीओ अऱुण कुमार ने कहा, ‘सरकार ने इस वर्ष जिले में 48 हजार शौचालय बनाने का लक्ष्य रखा है। एक शौचालय के निर्माण के लिए 12 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जा रही है।’ उन्होंने कहा, ‘बिधनू का मामला सामने आने के बाद उसकी जांच के आदेश दिए गए हैं।’

बिधनू के पतेहुरी गांव के राजकुमार (50) पंजाब के राजपुरा में राइस मिल में मजदूरी करते थे। वहां दुर्घटना हो जाने पर वह अप्रैल में अपने घर वापस आ गए। घर का खर्च उठाने के लिए उनका बेटा निखिल (22) उनके स्थान पर नौकरी करने लगा। राजकुमार का कहना है कि उनके घर में शौचालय नहीं था और उनके बेटे की जिद थी घर में शौचालय बनवाए। इसके लिए उन्होंने कई बार गांव की पंचायत से मदद की मांग की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। तब उनका बेटा पंजाब के एक साहूकार से 15 हजार रुपए कर्ज लेकर घर आया और उस पैसे से शौचालय बनवा दिया।

शौचालय बनवाने के बाद निखिल पंजाब वापस लौट गया। राजकुमार ने कहा कि साहूकार ने निखिल से पैसे मांगने शुरू किए। पैसे न होने की बात पर साहूकार ने निखिल से अपने ढाबे पर काम करने की बात कही। तब से निखिल दिन में राइस मिल में नौकरी कर रहा है और रात में ढाबे पर नौकरी कर रहा है। निखिल अब अपने घर आना चाहता है तो साहूकार का कहना है कि जब तक उसका कर्ज नहीं उतरता, वापस नहीं जा सकता है।

इस बारे में सीडीओ अरुण कुमार ने कहा कि वह इस मामले की जांच करवा रहे हैं और अगर राजकुमार योजना के तहत शौचालय निर्माण के लिए सरकारी सहायता पाने के पात्र है, तो उसकी मदद की जाएगी। उनका कहना है कि गांव पंचायत की सिफारिश पर सरकार शौचालय बनाने के लिए 12 हजार रुपए की आर्थिक सहायता देती है।

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