टेलिकॉम मार्केट में जियो का बढ़ता कद प्रतिद्वंद्वियों के लिए खतरे की घंटी
|रिलायंस जियो के लॉन्च के बाद तगड़ा कॉम्पिटिशन झेल रहे देश के टॉप मोबाइल ऑपरेटर्स के लिए आगे की राह और मुश्किल होने वाली है। लुभावने ऑफर्स की वजह से लॉन्च के कुछ महीनों में ही जियो के अच्छी पकड़ बनाने के बावजूद टॉप टेलिकॉम सर्विस प्रवाइडर्स के उपभोक्ताओं की संख्या में लगातार बढ़ोतरी देखी गई। इस बढ़ोतरी की सबसे बड़ी वजह टाटा इंडिकॉम, एयरसेल, रिलायंस कम्युनिकेशंस जैसी कंपनियों का बंद होना या बिकना है।
इन कंपनियों के बंद होने की वजह से बड़ी संख्या में उपभोक्ता एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया और जियो की ओर शिफ्ट हुए। एक टेलिकॉम कंसल्टिंग फर्म में सीनियर अडवाइजर संदीप दास कहते हैं, ‘जैसे ही बंद या बेची गई इन कंपनियों के सारे सब्सक्राइबर्स जियो, एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया की तरफ शिफ्ट कर जाएंगे, उसके बाद खुद को नंबर 1 बनाने के लिए असली जंग शुरू होगी। जियो इस जंग में मार्केट लीडर बनना चाहेगा, जिससे कि बाजार में आक्रामकता बनी रहेगी।’
अगर आंकड़ों की बात करें तो ट्राई के डेटा के अनुसार एयरटेल का मार्केट शेयर अक्टूबर 2016 में जियो लॉन्च के समय 24.4 से बढ़कर मार्च 2018 में 25.7% फीसदी हो गया। वोडाफोन की बात करें तो उसका मार्केट शेयर अक्टूबर 2016 में 18.7 फीसदी से बढ़कर मार्च 2018 में 18.8 फीसदी हो गया। आइडिया का कस्टमर बेस भी इसी दौरान 17.2 % से 17.9 % हो गया। अक्टूबर 2016 में 3.3% से बढ़कर जियो का कस्टमर बेस मार्च 2018 में 15.8 फीसदी हो गया।
इंटरनैशनल रेटिंग एजेंसी के आईसीआरए के अनुसार एयरेटल, वोडाफोन, आईडिया और जियो के कुल यूजर्स की संख्या लगभग 92 करोड़ है। इनका मार्केट शेयर 78.1 फीसदी है, जो पिछले साल से 67.2 फीसदी था। मार्केट की जानकारी रखने वाले एक ऐनालिस्ट ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर अनुमान जताया है कि 18-19 फीसदी यूजर बेस के आकंड़े को पार करते ही जियो कुछ धमाकेदार ऑफर दे सकता है। जियो अगर फिर से कुछ बड़ा ऑफर लेकर आता है तो एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया जैसे मार्केट प्लेयर्स को एक बार फिर से मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इकनॉमिक टाइम्स ने इस मुद्दे पर जियो से संपर्क करने की कोशिश की, जिसका जवाब गुरुवार शाम खबर लिखे जाने तक नहीं मिला था।
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