टेरर अटैक में मौत से पहले फोटो जर्नलिस्ट ने कहा- मैं मोर्चे पर आ डटा हूं
|शाह मिराई काबुल में तैनात समचार एजेंसी एएफपी के चीफ फोटोग्राफर की हैसियत से सोमवार को वही कर रहे थे, जो वह पिछले 22 बरस से कर रहे थे। इस्लामिक स्टेट (IS) की तरफ से सुबह 8 बजे एक बाइकसवार आत्मघाती हमलावर ने खुद को नैशनल डायरेक्टोरेट ऑफ सिक्यॉरिटी (NDS) विभाग के बाहर उड़ा लिया। तबाही के मंजर की तरफ शाह मिराई ने फौरन रुख किया। उनके एक साथी विडियो पत्रकार ट्रैफिक में फंस गए। शाह ने उन्हें वॉट्सऐप पर मेसेज भेजा- ‘फिक्र मत करो, मैं मोर्चे पर आ डटा हूं। तस्वीरों के साथ विडियो भी बनाता चलूंगा।’
पत्रकार बन कर आया हमलावर
शाह को नहीं पता था, ये लिखे शब्द उनकी तरफ से इस दुनिया में आखिरी होंगे। दरअसल, NDS के पास हुई घटना को कवर कर रहे पत्रकारों के बीच इस्लामिक स्टेट का ही एक और हमलावर आया। इस बार पैदल। पत्रकारों के बीच उसने पत्रकार होने का दिखावा किया और वहीं खुद को उड़ा लिया। इस दूसरे विस्फोट में अपने काम के मोर्च पर तैनात शाह मिराई की जान चली गई। उनके साथ सात और पत्रकारों की मौत हो गई।
रोमानियाई दस्ते की बजाय मार डाले बच्चे
काबुल में केवल 20 मिनट के फर्क पर हुए दो आत्मघाती विस्फोट में 8 पत्रकार समेत 25 लोगों की मौत हो गई। एक बयान में आईएस समर्थित वेबसाइट में इस्लामिक स्टेट (IS) समूह ने काबुल में हुए दोनों हमलों की जिम्मेदारी ली है। यह आत्मघाती हमला मध्य शास डराक क्षेत्र में हुआ। यहां नाटो के मुख्यालय सहित कई दूतावास हैं। साथ ही अफगान खुफिया सेवा का कार्यालय भी है। काबुल पुलिस के प्रवक्ता हशमत स्तानकजई ने बताया कि इस दोहरे आत्मघाती हमले में कम-से-कम 45 लोग घायल भी हुए। मरने वालों में 4 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। लेकिन इतना काफी नहीं था। अफगानिस्तान के ही दक्षिणी राज्य कंधार में बम लदी कार के जरिये किए गए IS के आत्मघाती हमले में 11 बच्चों की मौत की हो गई। हालांकि हमलावर का निशाना मदरसे के ये बच्चे नहीं, बल्कि इलाके में गश्त लगा रहा रोमानियाई दस्ता था।
पहले ही दी थी चेतावनी
सुरक्षा अधिकारियों ने देश में अक्टूबर में होने जा रहे आम चुनावों को देखते हुए अधिक हमले होने की चेतावनी जारी की थी। बता दें कि बीते हफ्ते ही काबुल में वोटर रजिस्ट्रेशन सेंटर के पास हुए धमाके में 60 लोगों की मौत हुई थी। अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी ने इन हमलों की कड़े शब्दों में निंदा की है। अमेरिकी दूतावास ने भी काबुल में हुए बम विस्फोट की निंदा की और आतंकवाद के खिलाफ अफगान लोगों और गनी सरकार के प्रति सहयोग को दोहराया।
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