टिकटों के लिए कैशलेस पेमेंट पर इंसेंटिव देगा रेलवे
|इंडियन रेलवे टिकटों के लिए कैशलेस मोड से पेमेंट करनेवालों को जल्द इंसेंटिव देगा। रेलवे पहले से डेबिट या क्रेडिट कार्ड के जरिए मंथली ट्रैवल पास बनवानेवालों को 0.5 फीसदी का डिस्काउंट दे रहा है। गैर-आरक्षित श्रेणी में इसी तरह की सुविधा दी की जा सकती है। बाकी इंसेंटिव में कैशलेस के जरिए टिकट खरीदनेवालों को फ्री पैसेंजर इंश्योरेंस दिया जा सकता है।
रेल बोर्ड के मेंबर (ट्रैफिक) मोहम्मद जमशेद ने ईटी को बताया, ‘हम यथासंभव कैश का इस्तेमाल कम करने की कोशिश कर रहे हैं। लिहाजा, पैसेंजर्स के लिए कुछ इंसेंटिव दिए जा रहे हैं।’ रेलवे को आईआरसीटीसी के जरिये टिकट खरीदने पर सर्विस चार्ज खत्म किए जाने के कारण रेलवे को सालाना 400 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है।
फिलहाल, पैसेंजर सेगमेंट में 60 फीसदी सालाना ट्रांजैक्शंस कैशलेस होता है। नोटबंदी के बाद इसमें 20 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। नवंबर 2016 से पहले ज्यादातर डिजिटल ट्रांजैक्शन आईआरसीटीसी पोर्टल के जरिए होते थे। नोटबंदी के बाद रेलवे ने टिकट काउंटरों पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीन मुहैया कराकर डिजिटल वॉलिट के जरिए पेमेंट स्वीकार करना शुरू किया था। रेलवे अपने सभी 15,000 टिकट काउंटरों पर पॉइंट ऑफ सेल मशीन मुहैया करा रहा है।
रेलवे ने अब अपने टोटल पेमेंट का 85-90 फीसदी हिस्से को कैशलेस ट्रांजैक्शन बनाने का टारगेट तय किया है। रेलवे को पैसेंजरों से सालाना 48,000 करोड़ का रेवेन्यू मिलता है और उसके फ्रेट सेगमेंट के 95 फीसदी ट्रांजैक्शंस पहले ही कैशलेस हैं।
जमशेद ने बताया, ‘पहले हमारे ज्यादातर कैशलेस ट्रांजैक्शन आईआरसीटीसी के जरिए आते थे। हालांकि अब भी यही मामला है, लेकिन हमने बिना रिजर्वेशनवाले टिकट काउंटरों कार्ड और भीम ऐप से पेमेंट स्वीकार करना शुरू किया है। रेलवे को इससे फायदा हो रहा है क्योंकि हम कैश हैंडल करने की लागत कम कर रहे हैं।’
रेलवे ने बैंकों से भी अनुरोध किया है कि वे रेल टिकट के लिए डिजिटल पेमेंट पर चार्ज में कटौती करें। रेलवे का कहना है कि अगर बैंक चार्ज में कटौती या इसे खत्म करते हैं तो उन्हें और बिजनस दिया जाएगा। रेलवे का कहना है कि इससे डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा मिलेगा और बैंकों को भी फायदा होगा।
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