जो ऐंबी वैली की नीलामी रोकेगा, जाएगा जेल : सुप्रीम कोर्ट
|सुप्रीम कोर्ट ने सहारा ग्रुप की ओर से एंबी वैली की नीलामी प्रक्रिया में रुकावट डालने पर कड़ा ऐतराज जताया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नीलामी की प्रक्रिया में कोई भी किसी तरह की बाधा खड़ी करेगा तो वह अवमानना की कार्यवाही का जिम्मेदार होगा और उसे जेल भेजा जाएगा। इससे पहले सेबी ने सुप्रीम कोर्ट में दावा किया था कि सहारा ग्रुप ने पुणे पुलिस को पत्र लिखकर एंबी वैली की नीलामी प्रक्रिया में कथित रूप से रुकावट डाली। सेबी के आरोपों का संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह के पुणे पुलिस को लिखे गए पत्र को गलत करार दिया।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर संपत्ति की नीलामी की प्रक्रिया चल रही है। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति ए. के. सिकरी की 3 सदस्यीय खंडपीठ ने कहा कि सहारा समूह को इस मामले में पुणे के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) को इस तरह का पत्र नहीं लिखना चाहिए था क्योंकि नीलामी का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि यह संपत्ति 48 घंटे के भीतर बॉम्बे हाई कोर्ट के आधिकारिक परिसमापक को सौंपी जाए। शीर्ष अदालत ने आधिकारिक परिसमापक को कंपनी न्यायाधीश की सीधे देख-रेख में नीलामी प्रक्रिया जारी रखने का निर्देश दिया।
पीठ ने कहा कि आधिकारिक परिसमापक इस मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट के पीठासीन न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए. एस. ओका से मार्गदर्शन प्राप्त करेंगे। इससे पहले सेबी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार ने पुलिस अधीक्षक को भेजे गए पत्र का जिक्र किया और दावा किया कि इसकी वजह से पुलिस ने इस संपत्ति को अपने कब्जे में ले लिया है। सहारा समूह की ओर से मुकुल रोहतगी ने इस तर्क का जवाब देते हुए कहा कि संपत्ति पुलिस को नहीं सौंपी गई है।
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