जीवन मूल्यों के क्षरण का दुष्परिणाम हैं समाज में बढ़ रहे हिंसा के मामले
|समाज में जिस तरह से हिंसा के मामले बढ़ रहे हैं वह मानवीय मूल्यों के क्षरण का ही दुष्परिणाम है। इन मूल्यों के क्षरण को कैसे रोका जाए? मानवीय मूल्यों का मनुष्य के साथ साहचर्य अनादिकाल से रहा है।