जीएसटी: परेशानियां दूर करने के लिए हो रही है भागदौड़

विशेष संवाददाता, नई दिल्ली

जीएसटी को लेकर कारोबार में आ रही परेशानियां दूर करने को लेकर कारोबारियों की भागदौड़ जारी है। इस कड़ी में कारोबारी जीएसटी काउंसिल से मिलकर अपना दर्द उन्हें बता रहे हैं तो बीजेपी के बड़े नेताओं से मिलकर जीएसटी के कुछ नियमों में बदलाव का आग्रह कर रहे हैं। कारोबारियों को संदेश मिल रहे हैं कि आगामी दिनों में जीएसटी मसले पर उन्हें प्रभावी राहत मिल सकती है।

प्रदेश बीजेपी व्यापार प्रकोष्ठ ने जीएसटी मुद्दे को लेकर कल जीएसटी काउंसिल के अध्यक्ष मनीष सिन्हा से मुलाकात की और उन्हें पांच सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। इस मुलाकात में प्रकोष्ठ अध्यक्ष कैलाश गुप्ता के अलावा पदाधिकारी चंद्रभूषण गुप्ता, रवि हंस, सतीश गौड़ आदि मौजूद थे। उनका कहना था कि जीएसटी में टैक्स के पांच स्लैब के चलते बड़े कारोबारी परेशान तो हो ही रहे हैं, छोटे कारोबारी भी काफी मुसीबत झेल रहे हैं। कारोबारियों ने तीन स्लैब की वकालत की है। उनका यह भी कहना है कि कमोडिटी के नाम को लेकर जो कोड दिए गए हैं, वे भी समस्याएं पैदा कर रहे हैं। कारोबारी चाहते हैं कि एक प्रकार के कारोबार का कोड एक ही कर दिया जाए, इससे ऑनलाइन समस्याएं काफी हद तक दूर हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि कपड़े के बुनकर, व्यापारियों, निर्माताओं, प्रोसेस हाउस और इस व्यापार से जुड़े अन्य वर्गों को जीएसटी से आ रही समस्याओं को दूर करना बेहद जरूरी है। एक कपड़ा तैयार होने में लगभग 15 प्रकार की प्रोसेस प्रक्रिया होती है जिसे बहुत ही छोटे स्तर पर कारीगर करते हैं, इस दृष्टि से कपडे की प्रोसेस प्रक्रिया को जीएसटी के दायरे से बाहर रखने से व्यापार की विसंगति दूर होगी ओर कपड़े का व्यापार तेजी से बढ़ेगा।

जीएसटी से जुड़े मसले को लेकर व्यापारियों की समस्याओं को जानने और उनका समाधान निकालने के लिए बीजेपी के केंद्रीय कार्यालय में कल शाम जीएसटी दरबार का आयोजन किया गया, जिसमें कारोबारियों ने जीएसटी के विभिन्न विषयों पर अपनी समस्याएं रखी। कार्यक्रम में बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू, बीजेपी व्यापार प्रकोष्ठ के नेता व कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के पदाधिकारी भी मौजूद थे। व्यापारियों ने कहा कि 28 प्रतिशत के टैक्स स्लैब पर दोबारा से नए सिरे से विचार हो और हाउसिंग सेक्टर में प्रयुक्त होने वाले सामान जैसे बिल्डर हार्डवेयर, प्लाईवुड, बिजली फिटिंग, पेंट, फर्नीचर, ऑटो स्पेयर पार्ट्स सौंदर्य प्रसाधन, विटामिन एवं मिनरल तथा प्रोटीन वाले उत्पाद आदि को इस स्लैब से निकालकर कम कर दर के स्लैब में रखना चाहिए और केवल विलासिता अथवा नेगेटिव वस्तुओं को ही इसमें रखा जाए। कारोबारियों ने ब्योरेवार विभिन्न कारोबार से जुड़ी समस्याओं को बैठक में रखा और उन्हें सुलझाने का आग्रह किया। कारोबारियों का कहना है कि उन तक जो संदेश मिला है, उसके अनुसार काउंसिल की अगली बैठक में उन्हें कुछ राहत मिल सकती है।

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