जीएम सरसों पर रोक लगाने के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखेंगे नीतीश

पटना, 01 सितंबर :भाषा: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि जैव संवद्रि्धत फसलें :जीएम फसल: एवं जैविक खेती :आर्गेनिक फार्मिंग: साथ-साथ नहीं चल सकते और वे प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर जैव परिवद्रि्धत सरसों पर रोक लगाने का अनुरोध करैंगे।

एलायंस फॉर सस्टेनेबुल एंड होलिस्टिक एग्रीकल्चर :आशा: जो कि राष्ट्रीय किसान स्वराज गठबंधन के नाम से भी जाना जाता है की राष्ट्रीय संयोजक कविता कुरुगंटी के नेतृत्व में आज पांच सदस्यीय शिष्टमंडल के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिला। शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री से इस बात पर चर्चा की कि केन्द्र सरकार द्वारा जैव परिवद्रि्धत :जीएम: सरसों के व्यवसायिक खेती को दी जा रही मंजूरी पर रोक लगाने हेतु पहल की जाय।

शिष्टमंडल ने बताया कि केन्द्र सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के एक इकाई जेनेटिक इंजीनियरिंग एप्रुवल कमिटी :जीईएसी: द्वारा सितंबर माह में जैव परिवद्रि्धत सरसों के मंजूरी की कवायद चल रही है।

शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि जैव परिवद्रि्धत फसल पर्यावरण एवं मनुष्य के स्वास्थ्य के लिये हानिकारक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में जैव विविधता है। उन्होंने कहा कि सरकार जैविक खेती :आर्ग्रेनिक फार्मिंग: को बडे पैमान पर बढावा दे रही है।

नीतीश ने कहा कि जैव परिवद्रि्धत फसले :जीएम फसल: एवं जैविक खेती :आर्गेनिक फार्मिंग: साथ साथ नहीं चल सकते। उन्होंने कहा कि इस संबंध में वे प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर जैव परिवद्रि्धत सरसों जो पर्यावरण एवं मानव के हित में नहीं है पर रोक लगाने का अनुरोध करैंगे।

शिष्टमंडल में राष्ट्रीय संयोजक कविता कुरुगंटी के साथ कपिल साह, पंकज भूषण एवं अन्य सदस्यगण उपस्थित थे।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह भी उपस्थित थे।

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