‘जाति’ देखकर किसानों को बांटे जा रहे चेक!
| कानपुर देहात जिले में किसानों ने आरोप लगाया है कि जातियां देखकर उन्हें राहत के चेक बांटे जा रहे हैं। भोगनीपुर तहसील के रसूलपुर भलार गांव के किसानों का कहना है कि लेखपाल चेक के एवज में 1500 रुपए रिश्वत ले रहे हैं। रिश्वत देने वालों को कम खेती के बावजूद ज्यादा रकम के चेक मिल रहे हैं, जबकि ज्यादा खेती वालों को कम रुपये के चेक दिए जा रहे हैं। ये किसान अपने दावे के समर्थन में उन्हें मिले चेक भी दिखा रहे हैं। वहीं एडीएम (फाइनैंस) आशुतोष कुमार का कहना है कि उन्हें अभी तक ऐसी शिकायत नहीं मिली है। शिकायत आई तो सख्त कार्रवाई होगी। पुखरायां के रसूलपुर भलार गांव में ज्यादातर दलित परिवार हैं। शनिवार को गांव के 10-15 लोग कलेक्ट्रेट पहुंचे। यहां घंटों इंतजार के बावजूद उनकी डीएम कुमार रविकांत सिंह से बात नहीं हो सकी। एक ग्रामीण हरिशचंद का आरोप है कि उसकी मां के नाम 9.5 बीघा का खेत है। पूरी फसल तबाह होने के बावजूद उन्हें 1200 रुपए का चेक मिला। लेखपाल बलराम ने ज्यादा रुपए का चेक बनाने के एवज में 1500 रुपए रिश्वत मांगी थी। उसने आसपास के गांवों में भी खुलतौर पर यह ऐलान कर दिया है। बाकी लोगों का भी यही हाल है। दूसरी जातियों के लोगों को बड़ी रकम के चेक मिल रहे हैं। गांव के ही रामस्वरूप की 10 बीघे में खेती है। उन्हें 900 रुपए का चेक मिला है। रामस्वरूप का दावा है कि कई लोगों को 2 बीघे के एवज में 9 हजार रुपए का चेक मिला है। गांव के जयचंद को तो सबसे कम 300 रुपए का चेक दिया गया है। इसी गांव के सुरेश को 3 बीघे के एवज में 922 रुपए का चेक हासिल हुआ है। उनका आरोप है कि 1.5 बीघे खेत के मालिक को रिश्वत लेकर 9 हजार रुपए का चेक थमा दिया गया। मर चुके हैं 21 किसान मार्च में हुई बारिश से अब तक इस जिले में 21 किसानों की मौत हो चुकी है। यहां करीब 70 से 80 फीसदी फसलें खराब हो चुकी हैं। सेंट्रल गवर्नमेंट की टीम ने भी यह बात स्वीकार की है।
मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।