जस्टिस काटजू ने लोढ़ा समिति को बताया अवैध, कहा, सुप्रीम कोर्ट नहीं हड़प सकता बीसीसीआई की पावर
|सुप्रीम कोर्ट की ओर से जस्टिस लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने के आदेश पर विचार के लिए बीसीसीआई द्वारा जस्टिस काटजू की अध्यक्षता में गठित पैनल ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने को लेकर सौंपी अंतरिम रिपोर्ट में जस्टिस काटजू ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ही सवाल उठाए हैं। हमारे सहयोगी चैनल टाइम्स नाउ के मुताबिक जस्टिस काटजू ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू नहीं किया जा सकता। काटजू ने अपनी रिपोर्ट में लोढ़ा समिति के गठन को अवैध करार देते हुए कहा है कि सुप्रीम कोर्ट बीसीसीआई की शक्तियों को नहीं हड़प सकता।
एक टीवी चैनल से बातचीत में काटजू ने कहा कि बीसीसीआई लोढ़ा समिति की सिफारिशें लागू करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पुनर्विचार याचिका दायर करेगी। यही नहीं जस्टिस काटजू ने लोढ़ा समिति से मुलाकात करने की संभावनाओं को भी खारिज किया है। काटजू ने रिपोर्ट में कहा कि लोढ़ा समिति द्वारा की गई सिफारिशें एक तरह से मनमानी जैसी हैं। लोढ़ा समिति की सिफारिशों को ‘बनावटी’ करार देते हुए काटजू ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट बीसीसीआई में जबरन किसी आदेश को लागू नहीं करा सकता है। भारतीय क्रिकेट बोर्ड के ढांचे में बदलाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से लोढ़ा समिति का गठन किया गया था। दिल्ली में एक औपचारिक इवेंट में जस्टिस काटजू ने बीसीसीआई को सौंपी अपनी अंतरिम रिपोर्ट में कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश कानून बनाने जैसा है।
काटजू ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि लोढ़ा समिति की सिफारिशों को संसद में रखा जा सकता है, जो जरूरत होने पर इस संबंध में कानून बनाने का अधिकार रखती है। काटजू ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश राज्य क्रिकेट बोर्डों पर लागू नहीं होता है और यह संविधान के अनुच्छेद 19 (सी) के तहत मिले अधिकारों का उल्लंघन है। जनवरी, 2015 को सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई की कार्यप्रणाली और संगठन में सुधार हेतु सुझाव देने के लिए जस्टिस आरएम लोढ़ा समिति का गठन किया था।
4 जनवरी, 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने तीन सदस्यीय लोढ़ा समिति की रिपोर्ट जारी की थी। लोढ़ा समिति ने बीसीसीआई के पदाधिकारियों के कार्यकाल की सीमा और नियुक्ति के लिए उम्र के निर्धारण जैसी सिफारिशें की थीं।
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