जलभराव से नहीं मिलेगी निजात!

रामेश्वर दयाल, नई दिल्ली

बारिश के दौरान दिल्ली को जलभराव से निजात नहीं मिलने वाली है। इस समस्या से जुड़े अफसरों ने सरकार को साफ कह दिया है कि अधिकतर दिल्ली का सीवर सिस्टम गड़बड़ है और वह भारी बारिश को समा नहीं पा रहा है। समस्या यह भी आ रही है कि भरे पानी को पंपों से कहां फेंका जाए। सरकार मान रही है कि अगले साल से इस समस्या को सुलझाने के ठोस उपाय निकल सकते हैं।

राजधानी में चल रही मानसूनी बारिश ने दिल्ली को बेहाल कर रखा है। दिल्ली के अधिकतर इलाके जलभराव से डूब-उतरा रहे हैं, जिसके कारण ट्रैफिक जाम हो रहा है और लोग खासे परेशान हो रहे हैं। वैसे तो जलभराव से निपटने के लिए संबंधित विभाग काफी कोशिशें कर रहे हैं, नाले खोले जा रहे हैं, पंपों से पानी उलीचा जा रहा है, लेकिन उनकी मेहनत का फौरी असर नहीं हो रहा है और जलभराव अपने हिसाब से ही खत्म हो रहा है। कल इस मसले को लेकर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक बैठक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई थी। बैठक में दो मंत्री सत्येंद्र जैन, कपिल मिश्रा के अलावा संबंधित विभागों के आला अधिकारी शामिल थे। बैठक में जलभराव से बचने के लिए कोई ठोस योजना नहीं बन पाई और इस समस्या को लेकर अधिकतर अफसर हाथ खड़े करते नजर आए। फिलहाल सरकार ने सभी विभागों से जलभराव के कारणों की रिपोर्ट तलब की है।

सूत्र बताते हैं कि इस बार बैठक में विभागों के अफसरों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर नहीं चला, जैसे पहले होता आया है। अफसरों ने जलभराव की समस्या की ओर मंत्रियों का ध्यान खींचा और बताया कि अधिकतर दिल्ली का सीवर सिस्टम गड़बड़ाया हुआ है। साउथ और वेस्ट दिल्ली के इलाकों में पानी निकासी के हिसाब से मोटे पाइप नहीं डाले गए हैं, जिस कारण पंपों से पानी निकालने के कारण वह आगे नहीं बढ़ पा रहा है। कई नालों में कनेक्टिविटी की समस्या है। हाल यह है कि कहीं-कहीं तो बड़े नाले आगे जाकर संकरे नालों में मिल रहे हैं। इसके चलते पंप पूरे तौर प्रभावी काम नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने मंत्रियों को बताया कि जलभराव से निपटने के लिए बारिश के दौरान छोटे कर्मचारी से लेकर बड़े अफसर सड़कों पर होते हैं, लेकिन सीवर सिस्टम विभागों को बेबस कर रहा है।
दिल्ली सरकार के प्रवक्ता नागेंद्र शर्मा ने भी माना कि राजधानी में बारिश के दौरान जलभराव गंभीर समस्या बन रहा है और लोग घंटो परेशान हो रहे हैं, लेकिन सरकार पूरी ताकत से इससे निपटने का प्रयास कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस समस्या के पीछे एमसीडी की भी गंभीर लापरवाही है, जिसके चलते सड़कों से लेकर बाजारों, कॉलोनियों तक में पानी भर रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले साल मार्च-अप्रैल में दिल्ली में तीनों निगमों के चुनाव हैं। इन चुनावों में आम आदमी पार्टी सत्ता में आएगी, जिसके बाद जलभराव की समस्या से निजात के लिए ठोस उपाय किए जाएंगे।

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