जब धोनी की इस अदा ने जीता सबका दिल
|महेंद्र सिंह धोनी को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ फिनिशर्स में गिना जाता है। मैच खत्म करने का भी धोनी का अपना ही अंदाज है। वह अकसर बड़े शॉट के साथ ही मैच खत्म करना पसंद करते हैं। विश्व कप 2011 के फाइनल के उनके छक्के को भला कौन भूल सकता है। हालांकि रविवार को श्री लंका के खिलाफ पांच वनडे मैचों की सीरीज के आखिरी मैच में उन्होंने ऐसा नहीं किया लेकिन इसने भी लोगों का दिल जीत लिया।
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हुआ कुछ यूं था
भारतीय पारी का 47वां ओवर चल रहा था। केदार जाधव कप्तान विराट कोहली के साथ शतकीय साझेदारी निभाने के बाद आउट होकर पविलियन लौट गए। भारत को जीत के लिए केवल 2 रनों की दरकार थी। जाधव असल में विकेटकीपर के पास से कट करके मैच खत्म करना चाहते थे लेकिन वह इसमें नाकाम रहे। विकेट के पीछे निरोशन डिकवेला ने गलती नहीं की और भारत का चौथा विकेट गिर गया।
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ऐसे में धोनी बल्लेबाजी करने आए। देखने वाले यही उम्मीद लगाए बैठे थे कि धोनी एक बार फिर अपने स्टाइल में मैच खत्म करेंगे। लेकिन इस बार धोनी ने पहली ही गेंद पर सिंगल लेकर विराट कोहली को स्ट्राइक दे दी। अपने वनडे करियर की 30वीं सेंचुरी लगाने वाले कोहली 109 रनों पर बल्लेबाजी कर रहे थे। कोहली को स्ट्राइक देने के पीछे धोनी की मंशा यही मानी जा रही थी कि वह चाहते थे कि शानदार सेंचुरी लगाने वाले कप्तान ही विनिंग रन बनाकर सीरीज की इति श्री करें।
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धोनी जब नॉन-स्ट्राइकर पर पहुंचे तो वह मुस्कुरा रहे थे। कोहली भी समझ गए कि आखिर धोनी ने उन्हें क्यों स्ट्राइक दी है। उन्होंने भी बड़ा शॉट लगाकर मैच खत्म करने के बजाए लॉन्ग ऑफ पर गेंद को खेलकर विजयी दौड़ लगायी। कोहली ने 116 गेंदों पर 110 रन बनाए और भारत ने पांच वनडे मैचों की सीरीज में श्री लंका का सफाया कर दिया।
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