चॉकलेट सेगमेंट में ब्रिटानिया की एंट्री, नेस्ले की किटकैट से होगा मुकाबला

रत्ना भूषण, नई दिल्ली
बिस्किट कंपनी ब्रिटानिया ने चॉकलेट वेफर्स बेचना शुरू कर दिया है। इसका मुकाबला नेस्ले के किटकैट जैसे ब्रांड्स से होगा। कंपनी ने प्योर मैजिक नाम से चॉकलेट वेफर्स लॉन्च किए हैं। बिस्किट के ऊपर चॉकलेट के स्लैब के रूप में इसे लॉन्च किया गया है। ब्रिटानिया के वीपी, मार्केटिंग अली हैरिस ने कहा, ‘चॉकलेट सेगमेंट में यह हमारा पहला प्रॉडक्ट है। हम मॉडर्न रिटेल और ई-कॉमर्स सेगमेंट के जरिये इसकी बिक्री बढ़ाना चाहते हैं।’ इस प्रॉडक्ट को पहले बेंगलुरु में लॉन्च किया गया था और अब इसे देश भर में ले जाया जा रहा है।

हैरिस ने कहा, ‘हम इनोवेशन के साथ रिस्क ले रहे हैं। बिस्किट सेगमेंट में आखिरी बड़ा इनोवेशन आईटीसी ने सनफीस्ट के साथ किया था। हमारा मानना है कि ब्रिटानिया का नया प्रॉडक्ट इस कैटेगरी में हलचल मचाएगा।’ गुड डे और मारी गोल्ड की तुलना में प्योर मैजिक ब्रिटानिया का छोटा ब्रांड है। उन्होंने कहा, ‘युवाओं में बिस्किट की खपत कम हो रही है। हमारा मानना है कि प्योर मैजिक ब्रांड से हम यंग एडल्ट्स को अट्रैक्ट करने में सफल रहेंगे।’ 27,000 करोड़ की कैटेगरी में ब्रिटानिया का मार्केट शेयर अभी 30 पर्सेंट है। इंडस्ट्री ऑफिशियल्स ने रिसर्च फर्म नीलसन के डेटा के हवाले से यह जानकारी दी। कंपनी का मुकाबला बिस्किट सेगमेंट में पारले और आईटीसी से होता है।

चॉकलेट कैटेगरी को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। एनालिस्टों का कहना है कि नोटबंदी के बाद और रूरल मार्केट में सेल्स कम होने की वजह से लोगों ने डिस्क्रिशनरी खर्च कम कर दिया है। डिजिटल रिसर्च फर्म ग्लोबलडेटा में कंज्यूमर मार्केट्स एनालिस्ट अपूरव नीमा ने बताया, ‘कन्फेक्शनरी प्रॉडक्ट्स की बिक्री नकद में होती है। नवंबर 2016 में नोटबंदी के बाद कैश की कमी हो गई थी, जिससे कन्फेक्शनरी कंजम्पशन में कमी आई।’ वहीं, ब्रिटानिया के मैनेजिंग डायरेक्टर वरुण बेरी ने नवंबर में एनालिस्टों के साथ अर्निंग कॉन्फ्रेंस में कहा था, ‘कुछ स्ट्रैटेजिक पहल के साथ यह आगे कदम बढ़ाने का समय है।’

उन्होंने कहा था कि ऐसे ही एक कदम के तहत हम नई प्रॉडक्ट कैटेगरीज में उतर रहे हैं। बेरी ने कहा था कि इससे ब्रिटानिया को टोटल फूड कंपनी बनने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा था कि इसके अलावा हम दो और उपाय कर रहे हैं। इसमें से एक में कंपनी छोटे बिजनेस पर ध्यान देती है ताकि उन्हें दिक्कत ना हो। दूसरे उपाय में ब्रिटानिया नए अंतरराष्ट्रीय मार्केट्स में कदम रखेगी। उन्होंने कहा था कि हर साल कंपनी नए बाजार में जाएगी। सितंबर क्वॉर्टर में ब्रिटानिया का नेट प्रॉफिट 11.5 पर्सेंट की बढ़ोतरी के साथ 261 करोड़ रुपये रहा था। वह प्रीमियम प्रॉडक्ट्स पर फोकस कर रही है, डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क को मजबूत बना रही है और कॉस्ट लीडरशिप हासिल करने की कोशिश कर रही है।

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