चुप रहना, लोगों को किए वादे के लिए नहीं लड़ना राजनीति नहीं है : सिसोदिया
|नई दिल्ली
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को कहा कि चुप रहना और लोगों से अपने किए वादों के लिए नहीं लड़ना राजनीति नहीं है। सिसोदिया ने ‘माइंडमाइन समिट’ में एक परिचर्चा के दौरान यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा, ‘राजनीति में रोज-रोज की लड़ाई के लिए हमें अक्सर जिम्मेदार ठहराया जाता है लेकिन हमें लड़ना होगा क्योंकि आसानी से काम नहीं करने दिया जाता। हमें बदलाव का उत्प्रेरक बनना होगा, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हमने लोगों से जो वादे किए थे उन्हें हम पूरा कर सकें। और यदि इसके लिए लड़ने की जरूरत पड़ेगी, तो बेशक हम लड़ेंगे।’
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को कहा कि चुप रहना और लोगों से अपने किए वादों के लिए नहीं लड़ना राजनीति नहीं है। सिसोदिया ने ‘माइंडमाइन समिट’ में एक परिचर्चा के दौरान यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा, ‘राजनीति में रोज-रोज की लड़ाई के लिए हमें अक्सर जिम्मेदार ठहराया जाता है लेकिन हमें लड़ना होगा क्योंकि आसानी से काम नहीं करने दिया जाता। हमें बदलाव का उत्प्रेरक बनना होगा, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हमने लोगों से जो वादे किए थे उन्हें हम पूरा कर सकें। और यदि इसके लिए लड़ने की जरूरत पड़ेगी, तो बेशक हम लड़ेंगे।’
सम्मेलन में इस मुद्दे पर चर्चा में भाग लेने वाले BJP प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि एक कुशल नेता ‘एक योद्धा या एक उत्प्रेरक’ के बीच किसी एक का चयन नहीं कर सकता और उसे दोनों भूमिकाओं को निभाना होगा। कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि किसी एक पार्टी से देश को मुक्त कराने के नारे लगाने से लोकतंत्र मजबूत नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘हम प्रतिस्पर्धी हैं। हमें अपनी बात रखनी चाहिए। लोग हमारे काम के आधार पर हमारा मूल्यांकन करेंगे, लेकिन राजनीति को सिर्फ प्रतिस्पर्धी स्वभाव का होना होगा, ना कि बदला लेने वाला खेल बनाना होगा।’
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