चुनाव हारने के बाद किरण बेदी का जज्बाती ‘खुला खत’
|भारत का लोकतंत्र अगर वाकई में कई भला चाहने वाले लोगों के तजुर्बे का फायदा उठाना चाहता है तो इसे एक नागरिक संस्कृति और कानूनबद्ध माहौल की जरूरत है (ये कहते हुए मैं उदार हूं). यहां चुनावों के साथ मेरी मुलाकात का जिक्र है, मुझे उम्मीद है कि मेरे जीवनकाल में यह बदल जाएगा.