चीन में मुकदमा, आईफोन की बिक्री पर बैन की मांग
|अमेरिका की टेलिकम्यूनिकेशन्ज़ इक्विपमेंट कंपनी क्वैलकम का ऐपल के साथ कानूनी विवाद काफी बढ़ गया है। क्वैलकम ने चीन में एक मुकदमा दायर कर देश में आईफोन के मैन्युफ़ैक्चर और सेल पर बैन लगाने की मांग की है। गौरतलब है कि चिप मेकर कंपनी और स्मार्टफोन निर्माता कंपनी ऐपल के बीच जनवरी से ही विवाद चल रहा है।
सैन डिएगो बेस्ड कंपनी क्वैलकम स्मार्टफोन के दुनिया के सबसे बड़े मार्केट में ऐपल को झटका देना चाहती है। चीन में ही सबसे ज्यादा आईफोन का प्रॉडक्शन होता है और यहां अगर ऐपल पर बैन लगा तो उसे बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। आईफोन से ही ऐपल को करीब दो-तिहाई रेवेन्यू मिलता है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक क्वैलकम की प्रवक्ता क्रिस्टीन ट्रिंबल ने बताया कि कंपनी की ओर से बीजिंग इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी कोर्ट में मुकदमा दायर कर पेटेंट उल्लंघन का आरोप लगाते इंजक्टिव रिलीफ भी मांगी गई है। प्रवक्ता ने आगे कहा, ‘ऐपल बिना भुगतान किए क्वैलकम की तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है।’ ऐपल के लिए यह बेहद ही महत्वपूर्ण समय है। उसने हाल ही में अपना आईफोन 8 लॉन्च किया है और उसे कई चीनी कंपनियों से टक्कर मिल रही है। ऐसे में वह अपनी मार्केट को दोबारा हासिल करना चाहता है।
हालांकि इस मामले में अभी ऐपल की ओर से कोई बयान नहीं आया है। क्वैलकम का मुकदमा तीन नॉन स्टैंडर्ड पेटेंट्स पर आधारित है। कंपनी का दावा है कि उसके पावर मैनेजमेंट और टच-स्क्रीन टेक्नॉलजी जिसे फोर्स टच कहा जाता है, को ऐपल अपने मौजूदा आइफोन्स में इस्तेमाल कर रहा है।
यही नहीं, क्वैलकम के प्रवक्ता का दावा है, ‘कई ऐसे उदाहरण हैं, जिससे साफ है कि ऐपल अपनी डिवाइस में सुधार और मुनाफा बढ़ाने के लिए हमारी तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है।’ मुकदमा 29 सितंबर को बीजिंग कोर्ट में दायर किया गया। हालांकि कोर्ट ने इसे सार्वजनिक नहीं किया है।
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