चीन पर बढ़ेगा प्रेशर! ट्रंप ने मोदी को किया कॉल, कहा-अमेरिका और भारत बढ़ाएंगे सहयोग
|भारत और अमेरिका, दोनों ही आर्थिक और सामरिक मोर्चे पर चीन से चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, यह कहना गलत न होगा। ऐसे में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने एक अहम ऐलान करने के लिए भारत के स्वतंत्रता दिवस का दिन चुना। ट्रंप ने पीएम नरेंद्र मोदी को कॉल करके भारतीयों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी। इसके साथ ही ट्रंप ने कहा कि दोनों देश ‘सामरिक स्तर पर राय-मशविरा बढ़ाएंगे।’
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अमेरिकी राष्ट्रपति ने ऐसे वक्त में मोदी को फोन किया है, जब दोनों ही देशों में राजनीतिक उठापटक जारी है। जहां ट्रंप अमेरिकी शहर शैरलॉट्सविल में हुई हिंसा को लेकर निशाने पर हैं, वहीं आलोचक गोरखपुर में हुई बच्चों की मौतों को लेकर मोदी पर हमले कर रहे हैं। ट्रंप की कॉल को लेकर वाइट हाउस की तरफ से जो जानकारी दी गई, उससे पता चलता है कि यूएस राष्ट्रपति का फोन करना औपचारिकता भर नहीं है। वाइट हाउस की ओर से जारी बयान के मुताबिक, ‘दोनों नेताओं ने इंडो पैसिफिक क्षेत्र में शांति-स्थिरता को बढ़ाने के लिए मंत्रालयों के बीच टु बाई टु डायलॉग शुरू करने के लिए प्रतिबद्धता जताई। इसके जरिए सामरिक राय-मशविरा को बढ़ावा दिया जाएगा।’
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अमेरिकी बयान में इस बात की विस्तार से जानकारी नहीं दी गई कि किन मुद्दों पर यह ‘टु बाई टु’ डायलॉग होगा। हालांकि, दोनों देशों के बीच पूर्व की सरकारों के दौरान बने ‘डायलॉग मेकनिजम’ के तहत सालाना सामरिक बातचीत काफी वक्त से नहीं हुई है। ‘टु बाई टु’ डायलॉग के तहत आम तौर पर दोनों देशों की कैबिनेट के हाई लेवल पदाधिकारी शामिल होते हैं। अमेरिका की ओर से सेक्रटरी ऑफ स्टेट और कॉमर्स सेक्रटरी जबकि भारत की ओर से उनके समकक्ष इस बैठक में शामिल होते हैं।
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हालांकि, वाइट हाउस के बयान में चीन का खुलकर उल्लेख नहीं हुआ और न ही डोकलाम मुद्दे का, लेकिन इंडो पसिफिक क्षेत्र में शांति और स्थिरता का जिक्र साफ तौर पर हमारे पड़ोसी की ओर ही इशारा मालूम होता है। ट्रंप का यह कदम पूर्व में ओबामा प्रशासन की रणनीति का ही विस्तार है, जिसके तहत अमेरिका इस क्षेत्र में भारत की अहमियत को अलग पहचान देता आया है। वाइट हाउस का बयान ऐसे वक्त में आया है, जब कुछ घंटे पहले ही ट्रंप ने चीन के व्यापारिक तौर-तरीकों की समीक्षा करने का ऐलान किया।
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यहां गौर करने वाली यह भी बात है कि ट्रंप ने पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस पर वहां के किसी नेता को फोन नहीं किया। इससे अमेरिका की उस ‘डि-हाइफनेटेड’ कूटनीति का अंदाजा मिलता है, जिसके तहत उसने काफी पहले से दोनों देशों को अलग-अलग तवज्जो देने का फैसला किया है। ट्रंप ने भारत के साथ व्यापारिक सहयोग बढ़ाने का भी फैसला किया है। बता दें कि हैदराबाद में इस साल नवंबर में ग्लोबल आंत्रप्रेन्योर समिट है, जिसमें शामिल होने खुद ट्रंप की बेटी आने वाली हैं। वाइट हाउस के बयान में इस समिट का भी जिक्र किया गया है। यह भी बताया गया है कि अमेरिका किस तरह ऊर्जा के क्षेत्र में भारत को सहयोग करने वाला है। वहीं, भारतीय स्वतंत्रता दिवस के मौके पर यूएस सेक्रटरी ऑफ स्टेट रेक्स टिलरसन ने अलग से बधाई संदेश दिया। उन्होंने कहा कि अमेरिका को ‘वैश्विक आजादी और संपन्नता के हित में दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के लोगों के साथ खड़े होने में गर्व है।’
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