चीन की चालबाजी, अपने नक्शे में अरुणाचल प्रदेश के 6 जगहों के नाम बदले
|भारत द्वारा बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा को अरुणाचल प्रदेश की यात्रा की इजाजत से भड़के चीन ने अपने नक्शे में अरुणाचल के 6 जगहों के नाम बदल दिए है। भारत को उकसाने वाले इस कदम को चीन ने ‘वैध’ ठहराया है। बता दें कि चीन ने दलाई लामा की अरुणाचल यात्रा का भारी विरोध किया था। इस बीच कांग्रेस ने चीन द्वारा अरुणाचल के 6 जगहों के नाम बदलने की घोषणा पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सूरजेवाला ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी को इस मामले पर पेइचिंग में कड़ा विरोध दर्ज कराना चाहिए।
Its high time PM Modi registers strong protest in Beijing: Randeep Surjewala,Congress on reports of China renaming 6 places in Arunachal pic.twitter.com/BKWVPSeEPW
चीन की सरकारी मीडिया ने यहां कहा कि इस कदम का उद्देश्य अरुणाचल प्रदेश पर चीन के दावे की पुष्टि करना है। चीन अरुणाचल प्रदेश को ‘दक्षिणी तिब्बत’ बताता है। हालांकि भारत इसका विरोध करता रहा है। चीन के सरकारी समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स ने एक लेख में कहा, ‘चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने घोषणा की कि उसने केंद्रीय सरकार के नियमों के अनुरूप 14 अप्रैल को ‘दक्षिण तिब्बत’ की 6 जगहों के नाम चीनी, तिब्बती और रोमन वर्णों में मानकीकृत कर दिए हैं, जिन्हें भारत ‘अरुणाचल प्रदेश’ कहता है।’ चीन ने 6 जगहों का आधिकारिक नाम वोग्यैनलिंग, मिला री, क्वाइदेनगार्बो री, मेनक्यूका, बूमो ला और नामाकापुब री रखा है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कंग ने मीडिया को जानकारी देते हुये कहा कि अरुणाचल प्रदेश में छह स्थानों के चीनी नामों का मानकीकरण ‘वैध’ कार्रवाई है। उन्होंने कहा कि दलाई लामा की गतिविधियां भारत सरकार की चीन को लेकर की प्रतिबद्धता के खिलाफ है।
बता दें कि दलाई लामा की यात्रा को लेकर चीन ने पिछले एक महीने में भारत को कई बार चेतावनी दी थी। भारत ने पेइचिंग के बयान को दरकिनार करते हुए दलाई लामा की अरुणाचल यात्रा का प्रबंध किया था। नई दिल्ली ने इसे धार्मिक मामला बताते हुए कहा चीन से कहा था कि इसे राजनीतिक रंग न दिया जाए।
लू कंग ने जब इस ऐलान के समय के बारे में सवाल किये गये तो उन्होंने कहा कि चीन इलाकों के नामों की दूसरी गणना कर रहा है और इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा क्षेत्रीय भाषाओं में इनके नामों का मानकीकरण करना है। भारत और चीन की सीमा पर 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा विवाद का विषय है। चीन जहां अरुणाचल प्रदेश को दक्षिण तिब्बत बताता है वहीं भारत का कहना है कि विवादित क्षेत्र अक्साई चिन इलाके तक है जिस पर 1962 के युद्ध के दौरान चीन ने कब्जा कर लिया था। दोनों पक्षों के बीच सीमा विवाद को सुलझाने के लिये विशेष प्रतिनिधियों की 19 दौर की वार्ता हो चुकी है। दलाई लामा के अरुणाचल दौरे के दौरान चीन ने भारत को चेतावनी दी थी कि वह अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता और हितों की रक्षा के लिये ‘आवश्यक कदम’ उठाएगा।
इस खबर को गुजराती में पढ़ें: ચીને અરુણાચલની 6 જગ્યાઓના નામ બદલી નાખ્યા
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