चाहे प्रॉपर्टी बेचो, लेकिन पेंशन दो
|गरीबों को पिछले सवा दो साल से पेंशन न मिलने का मसला नॉर्थ एमसीडी की बैठक में जबर्दस्त तरीके से उठाया गया। विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष ने इस पर खासा दुख और नाराजगी जताई और कहा कि एमसीडी के नकारापन के कारण गरीबों की दिवाली समेत अन्य त्योहार काले बीत रहे हैं। सबने मांग की कि एमसीडी की प्रॉपर्टी को बेचो और गरीबों को पेंशन दो। बाद में बढ़ते दबाव के चलते यह निर्णय लिया गया कि 15 नवंबर तक गरीबों को छह माह तक की पेंशन का भुगतान कर दिया जाएगा।
बैठक शुरू होते ही नेता विपक्ष मुकेश गोयल ने इस मामले को उठाया और इस बात पर ऐतराज जताया कि एमसीडी ने गरीबों को पेंशन देने में हाथ खड़े कर दिए हैं। लोग पिछले सवा दो साल से पेंशन के लिए हर जगह भागदौड़ कर रहे हैं, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लग रही है। सरकार ने इस मसले को दिल्ली सरकार पर छोड़ दिया है, लेकिन सरकार भी इस बाबत कुछ नहीं कर रही है। उनके साथ विपक्षी सदस्य परमाभाई सोलंकी, अजीत सिंह यादव ने भी सत्ता पक्ष को कटघरे में लिया और आरोप लगाया कि नेताओं की लापरवाही के कारण गरीबों की दिवाली व अन्य त्योहार काले हो रहे हैं। उन्होंने गरीबों को तुरंत पेंशन देने की मांग की।
खास बात यह रही कि सत्ता पक्ष के सदस्य योगेंद्र चंदोलिया, राजेश भाटिया, डॉ़ महेंद्र नागपाल, चंदीराम चावला, मोहन भारद्वाज ने भी सदन में गरीबों को पेंशन देने का पुरजोर समर्थन दिया। सत्ता व विपक्षी सदस्य इस बाबत एकमत थे कि निगम को अपनी प्रॉपर्टी बेच देनी चाहिए और उससे मिली राशि से गरीबों को पेंशन वितरित करनी चाहिए। इस मसले पर मेयर डॉ़ संजीव नैयर ने कमिश्नर पीके गुप्ता से स्थिति स्पष्ट करने को कहा तो उन्होंने हाई कोर्ट का हवाला देते हुए मामले में कुछ पेचिदगियां बताई। जिसके बाद विपक्षी सदस्य खासे नाराज हो गए और उन्होंने सदन में सत्ता पक्ष के खिलाफ जबर्दस्त नारेबाजी शुरू कर दी। बढ़ता हंगामा देख मेयर ने सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी।
सदन दोबारा शुरू होने पर नेता सदन वीपी पांडे व स्थायी समिति के अध्यक्ष प्रवेश वाही ने मेयर से गुजारिश की कि गरीबों को हर हाल में दिवाली से पहले कुछ न कुछ तो पेंशन मिलनी चाहिए। जिसके बाद यह फैसला हुआ कि अगले माह 15 नवंबर तक गरीबों को छह माह की पेंशन का भुगतान कर दिया जाएगा। नेता विपक्ष मुकेश गोयल ने मांग की कि इतनी कम पेंशन से गरीबों का भला नहीं होने वाला है। सत्ता पक्ष को कोशिश करनी चाहिए कि गरीबों को पूरी बकाया पेंशन का जल्द भुगतान कर दिया जाए।
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