चंडीगढ़: घरों की छत पर सोलर प्लांट अनिवार्य
|चंडीगढ़ ने स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में बड़ा फैसला लेते हुए एक निश्चित आकार के सभी घरों और भवनों की छतों पर सोलर पैनल लगाने को अनिवार्य बना दिया है। मिली जानकारी के मुताबिक 100 वर्ग गज से ज्यादा का क्षेत्रफल घेरने वाले घरों और भवनों को इस फैसले के दायरे में रखा गया है। जल्दी ही इस संबन्ध में नोटिफिकेशन जारी किया जा सकता है।
चंडीगढ़ नवीकरणीय ऊर्जा विज्ञान एवं तकनीक (CREST) इस फैसले को लागू कराने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन के साथ लगातार संपर्क में है।
प्रस्ताव के मुताबिक 100-500 वर्ग गज वाले भवनों को 1kW सोलर प्लांट या 100 लीटर की क्षमता वाला सोलर हीटिंग सिस्टम इंस्टॉल करना होगा। इससे बड़े आकार के भवनों के लिए विकल्प नहीं दिया गया है और उन्हें अनिवार्य रूप से रूफटॉप सोलर प्लांट लगाना ही होगा। 500-1000 वर्ग गज के भवनों को 1kW जबकि 1000-3000 वर्ग गज की बिल्डिंग्स को 2kW का सोलर प्लांट लगाना होगा। इससे बड़े क्षेत्र को घेरने वाले भवनों को 3kW का प्लांट लगाना अनिवार्य होगा। 1kW का सोलर प्लांट एक दिन में 4-4.5 यूनिट बिजली पैदा करता है।
हालांकि हरियाणा ऐसा ही निर्देश साल 2015 में जारी कर चुका है, लेकिन वहां केवल 500 वर्ग गज से बड़े आकार के भवनों के लिए सोलर प्लांट अनिवार्य बनाया गया था। चंडीगढ़ ने इस मामले में एक कदम और आगे बढ़ते हुए नए और पुराने सभी तरह के भवनों के लिए सोलर प्लांट को अनिवार्य बना दिया है। मिली जानकारी के मुताबिक किसी भी नई बिल्डिंग को तब तक पूरा होने का प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा, जब तक वह प्लांट इंस्टॉल नहीं करता। इसके लिए 2 वर्षों की समय सीमा भी निर्धारित करने पर विचार किया जा रहा है।
CREST का मानना है कि 500 वर्ग गज प्लॉट पर बने भवनों की कीमत 2 से 3 करोड़ रुपयों तक है ऐसे में वह आसानी से निर्धारित क्षमता का रूफटॉप सोलर प्लांट लगा सकते हैं। 1kW सोलर प्लांट की कीमत फिलहाल 85,000 रुपये तक है। वहीं नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय इस पर 30 फीसदी की सब्सिडी मुहैया कराता है जिसके बाद यह कीमत 60,000 रुपये पर आ जाती है। इंडस्ट्रियल और कमर्शल एस्टैब्लिशमेंट्स को इस सब्सिडी से बाहर रखा गया है।
इतना ही नहीं अगर किसी बिल्डिंग को लगता है कि वह सरप्लस ऊर्जा पैदा कर रहा है तो वह इसे ग्रिड को बेच भी सकता है। इसके लिए उसे 8.51 रुपये प्रति यूनिट की दर से भुगतान किया जाएगा।
फिलहाल चंडीगढ़ में कुल 6.5MW की क्षमता का रूफटॉप सोलर प्लांट एस्टैब्लिशमेंट है, जबकि अगले तीन महीनों के भीतर इसमें 3MW का इजाफा और किए जाने का लक्ष्य तय किया गया है। CREST का कहना है कि उन्होंने चंडीगढ़ में साल 2022 तक इस क्षमता को 100MW तक ले जाने का लक्ष्य रखा है।
गौरतलब है कि भारत सरकार ने भी साल 2022 तक 1 लाख मेगावॉट क्षमता की सौर ऊर्जा उत्पादन का टारगेट रखा है, जिसमें से 40 हजार मेगावॉट छतों पर लगे सोलर इंस्टालेशन से पैदा किया जाना है।
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