घाटे में चल रहे सात सार्वजनिक उपक्रमों की संपत्ति बेचेगी महाराष्ट्र सरकार

मुंबई
महाराष्ट्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के घाटे में चल रहे सात सार्वजनिक उपक्रमों में अपनी संपत्ति विनिवेश करने का फैसला किया है । फिलहाल राज्य सरकार के 20 विभागों के नियंत्रण में इस प्रकार के 55 सार्वजनिक लोक उपक्रम हैं।

जिन सात रुग्ण सार्वजनिक उपक्रमों में विनिवेश का निर्णय किया गया है, वे एमएएफसीओ, मेलट्रॉन, महाराष्ट्र लैंड डिवलपमेंट कॉर्पोरेशन, महाराष्ट्र कपड़ा विकास निगम तथा विदर्भ, मराठवाड़ा एवं कोंकण डिवेलपमेंट कॉर्पोरेशन हैं। वित्त विभाग के प्रधान सचिव (सुधार) विजय कुमार ने कहा कि एमएएफसीओ के मामले में उसके स्वामित्व में जो जमीन है, उसे मूल मालिकों को वापस किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘एमएएफसीओ से जुड़ी जमीन बीएमसी, सिडको तथा अन्य सरकारी विभागों को वापस की जा रही है।’ घाटे में चल रहे कुछ लोक उपक्रमों को बंद करने का मामला 1990 से सरकार के अजेंडे में है। कुमार ने कहा, ‘घाटे में चल रहे लोक उपक्रमों को देख रही एक उच्च स्तरीय समिति ने विभिन्न विभागों से उनकी स्थिति के बारे में रिपोर्ट पेश करने को कहा है।’

वित्त विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि फिलहाल सरकार इन सार्वजनिक उपक्रमों की संपत्ति बेच रही है और संबद्ध सरकारी विभागों को जमीन लौटा रही है। इन सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारियों के लिए या तो स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) की पेशकश की गई है या उन्हें मूल विभाग में वापस भेजा जा रहा है।

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