गोरखपुर कांड: मार्च निकाल रहे लोग हिरासत में
|गोरखपुर में 60 लोगों के मारे जाने की घटना की ओर सरकार का ध्यान खींचने के लिए राजधानी दिल्ली में नंगे पैर मार्च निकाल रहे लोगों को मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन पर हिरासत में ले लिया गया। शुक्रवार को गोरखपुर में बीआरडी अस्पताल में ऑक्सिजन सप्लाइ काटे जाने से 36 बच्चों समेत 60 लोगों की मौत हो गई थी।
मार्च में शामिल अडवोकेट शहजाद पूनावाला ने हमारे सहयागी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के एक रिपोर्टर की कॉल का जल्दबाजी में जवाब देते हुए कहा कि उन्हें डीटेन किया गया है और वह मामला सुलझने के बाद बात करेंगे।
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प्रदर्शनकारी शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष से मिलकर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह के इस्तीफे की याचिका देने जा रहे थे। वह मामले की जांच और पीड़ित परिवारों को 1 करोड़ मुआवजा दिए जाने की मांग भी करने वाले थे।
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याचिका में कहा गया है, ‘पूर्वांचल के सबसे बड़े अस्पताल में बैक-अप के लिए ऑक्सिजन सिलिंडर क्यों नहीं थे? क्या यह नितांत उदासीनता का परिचायक नहीं है कि यूपी मेडिकल शिक्षा के महानिदेशक कहते हैं कि इन्सेफेलाइटिस के मौसम में 67 लोगों का मारा जाना आम बात है? यह आपदा की स्थिति है और यह मामर्मिक घटना किसी अपराध से कम नहीं।’
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याचिकाकर्ताओं ने उत्तर प्रदेश की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने के लिए कदम उठाने की मांग भी की।
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