गोमूत्र के साथ गंगाजल भी छिड़का जाएगा
|बिसाहड़ा : बिसाहड़ा में शनिवार दोपहर सरकारी स्कूल में छुट्टी की घंटी बजी और सड़क पर खिलखिलाते हंसते-मुस्कुराते बच्चों की फौज निकल आई। यह सीन गांव का माहौल बताने के लिए काफी है। गांव में सद्भाव कायम है, लेकिन सोमवार को प्रस्तावित गोमूत्र से शुद्धीकरण की भी तैयारी चल रही है। बनारस से आईं साध्वी के दिशानिर्देश में काम चल रहा है। शुद्धीकरण के लिए बनारस से गंगाजल मंगाया गया है। गांव में होगी पदयात्रा सोमवार को बिसाहड़ा में कीर्तन भवन से पदयात्रा निकालकर गोमूत्र से शुद्धीकरण कार्यक्रम होगा। इसके लिए बनारस से आईं साध्वी हर सिद्धि गिरी के नेतृत्व में तैयारी शुरू कर दी गई है। साध्वी ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान पूरे गांव में गोमूत्र और गंगाजल का छिड़काव किया जाएगा। इसके लिए बनारस से गंगाजल मंगाया गया है। साथ ही गांव में गाय पालने वाले सभी लोगों से सोमवार को गोमूत्र लाने को कहा गया है। पूरे गांव में घूमने के बाद मंदिर में भी शुद्धीकरण किया जाएगा और प्रसाद वितरित किया जाएगा। साध्वी ने बताया यह कार्यक्रम सभी धर्मों के लोगों के लिए है। गांव के सभी लोगों को इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। समाजसेवी एच. के. शर्मा ने बताया कि लोगों के विचारों में सकारात्मकता लाने के लिए यह आयोजन किया जा रहा है। 28 सितंबर को हुआ था बवाल 28 सितंबर की रात एक अफवाह के बाद बिसाहड़ा में इखलाक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में 10 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। घटना को 2 महीने से अधिक हो चुका है। गांव के कुछ लोगों को इस बात से नाराजगी हो रही है दो महीने बाद भी इखलाक हत्याकांड में नए आरोपियों के नाम सामने आ रहे हैं। गांव के प्रधान संजीव उर्फ संजय राणा ने कहा कि ग्राम प्रधान की जिम्मेदारी निभाते हुए वह एक-एक कर सभी मुसलमानों के घर गए और उनसे कहा कि डरने की कोई जरूरत नहीं है। इसी का नतीजा है कि गांव में पहले की तरह अमन-चैन कायम हो गया है। हालांकि उनका यह भी कहना है कि इखलाक की बेटी शाइस्ता के बयान से गुस्सा बढ़ा है और अविश्वास का माहौल फिर से बढ़ेगा। घटना के मुख्य आरोपी के पिता बीजेपी नेता संजय राणा कहते हैं कि हर दूसरे पिता की तरह वह भी अपने बेटे को बचाने के लिए कानूनी रूप से जितने प्रयास संभव होंगे वह करेंगे, लेकिन इसके साथ ही गांव में अमन-चैन कायम रखने के लिए भी वह अपने स्तर से पूरा प्रयास कर रहे हैं। इसी का नतीजा है कि गांव में हर कोई अपने काम में अब व्यस्त हो गया है। बिसाहड़ा गांव में रहने वाले हकीमु का कहना है कि गांव में फिर से भाईचारे का माहौल कायम हो गया है। अगर गोमूत्र और गंगाजल से शुद्धीकरण होता है तो मेरी नजर में इसे करने में कोई बुराई नहीं है। मैं भी इस कार्यक्रम में शरीक रहूंगा।
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