गैस मूल्य: RIL ने अदालत से कहा, आप सरकार को FIR दर्ज करने का अधिकार नहीं
|रिलायंस इंडस्ट्रीज ने उसके द्वारा केजी बेसिन गैस के दाम बढ़ाने को लेकर कथित अनियमितताओं के मामले में दर्ज FIR को रद्द करने की अपील करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि आप सरकार के पास उसके खिलाफ ऐसी प्राथमिकी दायर करने का अधिकार ही नहीं है।
दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) द्वारा उसके खिलाफ 2014 में दर्ज FIR को रद्द करने की अपील करते हुए कंपनी ने न्यायमूर्ति संजीव सचदेव से कहा कि एसीबी के पास इस तरह के मामलों की जांच का अधिकार नहीं है। रिलायंस इंडस्ट्रीज की ओर से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा, ‘दिल्ली सरकार के पास कभी इस तरह की एफआईआर दर्ज करने का अधिकार नहीं था। यह एफआईआर इस आधार पर खारिज की जानी चाहिए क्योंकि इसे ऐसे पुलिस स्टेशन (एसीबी) ने दर्ज किया है जिसके पास इसका अधिकार ही नहीं है।’
साल्वे ने हाल ही में 4 अगस्त को उच्च न्यायालय के उस आदेश का हवाला दिया जिसमें कोर्ट ने साफ किया था कि एसीबी के अधिकार क्षेत्र में केंद्र सरकार के कर्मचारी नहीं आते हैं। वहीं दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने दलील रखी कि चूंकि इस फैसले के खिलाफ याचिका उच्चतम न्यायल में लंबित है लिहाजा इसे संज्ञान में नहीं लिया जाना चाहिए। मामले की अगली सुनवाई 29 सिंतबर तय की है।
इसके अलावा अदालत ने कंपनी की याचिका पर आप सरकार से जवाब मांगा है। गौरतलब है कि कंपनी के अलावा पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के मंत्रियों एम. वीरप्पा मोइली और मुरली देवडा (निधन हो चुका है), रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी, पूर्व हाइड्रोकार्बन महानिदेशक वीके सिब्बल और अन्य अज्ञात लोगों का भी नाम एसीबी द्वारा दर्ज एफआईआर में शामिल है। हालांकि, इन सभी ने अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन किया है।
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