गेल पाइपलाइन पर देगी ध्यान, विपणन का काम कोई भी कर सकता है: प्रधान
|गेल को दो कंपनियों में विभाजित करने पर सरकार के विचार करने की रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने न तो इसकी पुष्टि की और न ही इससे इनकार किया।
प्रधान ने कहा कि पर्यावरण अनुकूल प्राकृतिक गैस को देश के सभी हिस्सों में ले जाने के लिये बुनियादी ढांचा तैयारन करना सरकार की प्राथमिकता है।
उल्लेखनीय है कि ओएनजीसी के गैस कारोबार को अलग कर 1984 में गेल इंडिया लि. का गठन हुआ। यह देश में 11,000 किलोमीटर प्राकृतिक गैस पाइपलाइन का परिचालन करती है। कंपनी देश में करीब 60 प्रतिशत प्राकृतिक गैस बेचती है।
मंत्रालय में गेल के विपणन कारोबार को अलग करने और उसे सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी को बेचे जाने को लेकर कई बैठकें हुई है।
इस मामले से जुड़े एक सूत्र ने बताया, अबतक इस बारे में कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। चर्चा जारी है।
प्रधान ने कहा कि सरकार देश को गैस आधारित अर्थव्यवस्था बनाने को लेकर कदम उठा रही है। इस योजना के तहत उार प्रदेश में जगदीशपुर से पश्चिम बंगाल, झाारखंड तथा ओड़िशा में गैस पाइपलाइन बिछाने को लेकर 5,176 करोड़ रुपये का बजटीय समर्थन या परियोजना लागत का 40 प्रतिशत उपलब्ध करायी है।
उन्होंने कहा, यह पहला उदाहरण है जब सरकार अपने बजट से परियोजना का विा पोषण कर रही है।
प्रधान ने यहां संवाददाताओं से कहा कि एक कंपनी के रूप में गेल को देश को गैस आधारित अर्थव्यवस्था में रूपांतरित करने के लिये खासकर देश के पूर्वी भाग में बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने पर ध्यान देना चाहिए जो अभी इससे नहीं जुड़ा है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, विपणन का काम कोई भी कर सकता है।
भाषा
मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।
Latest Business News in Hindi – बिज़नेस समाचार, व्यवसाय न्यूज हिंदी में | Navbharat Times