गाजियाबाद आउडी कार हादसा: खुद को ड्राइवर बताने वाले शख्स का बयान, ‘झूठी गवाही देने के लिए पैसे मिले थे’
|28 जनवरी को गाजियाबाद में आउडी कार से हुए हादसे में मुख्य चश्मदीद गवाह सैयद इम्तियाज कादरी ने कहा है कि उन्हें यह भी नहीं पता कि आउडी कार दिखती कैसी है। कादरी ने अदालत में कहा कि अदालत के सामने गलत बयान देने के एवज में उन्हें 7,000 रुपये मिले थे। कादरी का दावा है कि खुद को कार मालिक मनीष रावत का ड्राइवर बतलाने के एवज में उन्हें यह रुपये दिए गए थे। कादरी का दावा है कि आयकर विभाग के एक अधिकारी, एक पुलिसकर्मी और एक बीमा एजेंट ने उन्हें झूठी गवाही देने के लिए कहा था। कादरी का आरोप है कि इन तीनों ने उनपर अत्याचार किया था और मारपीट कर उन्हें झूठी गवाही देने के लिए मजबूर किया। कादरी के मुताबिक, 30 जनवरी की रात और 1 फरवरी की सुबह इंदिरापुरम के होटेल रॉयल पार्क में उनके लिए एक कमरा बुक किया गया और इसी कमरे के अंदर उन्हें टॉर्चर किया गया। कादरी ने हालांकि यह भी कहा कि होटेल का यह कमरा वातानुकूलित था और उन्हें मासांहारी खाने के साथ-साथ शराब भी परोसी गई थी। मालूम हो कि इस हादसे में 4 लोगों की जान चली गई थी।
2 फरवरी को कादरी ने गाजियाबाद की एक अदालत के आगे आत्मसमर्पण किया और फिर उसे जमानत मिल गई। उसने अपना नाम इशाक अहमद बताया। इशाक उस ट्रक ड्राइवर का नाम था जो कि बरेली में कादरी के साथ रहता था। उसने अपने पहचान पत्र के नाम पर इशाक के ड्राइविंग लाइसेंस की एक कॉपी भी पेश की। कादरी का यह बयान पुष्टि करता है कि उस रात हुए कार हादसे में चालक की पहचान छुपाने के लिए साजिश रची गई। इस कार के मालिक का नाम मनीष रावत है। मनीष दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में कंसल्टेंट न्यूरोसर्जन हैं। मनीष ने पुलिस को बताया कि हादसे के समय वह कार में तो थे, लेकिन कार चला नहीं रहे थे। उन्होंने बताया कि जब हादसे के बाद घटनास्थल पर लोग जमा होने लगे, तो वह वहां से भाग गए।
कादरी ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि उन्हें यह भी नहीं पता कि आउडी कार दिखती कैसी है। कादरी के मुताबिक, उन्होंने कभी मनीष रावत के लिए काम नहीं किया। लेकिन पुलिस को बयान देने के बाद मनीष ने टाइम्स ऑफ इंडिया को कादरी की तस्वीर देकर उसे अपना ड्राइवर बताया। मनीष का कहना है कि उन्हें नहीं पता था कि उसका असली नाम कादरी है। मनीष के मुताबिक, वह कादरी को इशाक अहमद के नाम से जानते थे। गाजियाबाद क्राइम ब्रांच इस मामले की जांच कर रहा है। पुलिस ने मनीष और कादरी, दोनों के खिलाफ आपराधिक साजिश का मामला दर्ज किया है। कादरी द्वारा दिए गए ताजा बयान से पुलिस के इस घटना के अलग-अलग तार आपस में जोड़ने में मदद मिलेगा। इसकी मदद से पुलिस शायद इस बात का भी पता लगा सकेगी कि घटना के समय कार असल में कौन चला रहा था।
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