गरीबी और बीमारी पर भारी पड़ा आयशा का हौसला, पढ़ें- प्रेरणा देने वाली एक सच्ची कहानी
|कोलकाता की आयशा नूर ने एक सपना देखा, और उसे पूरा करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी। अपने सपने को पूरा करना आयशा के लिए इतना आशान नहीं था, लेकिन वो लड़ी और आखिरकार अपनी मंजिल तक पहुंच ही गई।