गन्ना किसानों के भुगतान के लिए मिलों को 7,000 करोड़ का बेलआउट पैकेज दे सकती है सरकार
|गन्ना किसानों का 22,000 करोड़ रुपये बकाया होने पर सरकार जल्द राहत दे सकती है। सूत्रों का कहना है कि जल्द ही सरकार किसानों को भुगतान किए जाने के लिए मिलों को 7000 करोड़ का बेलआउट पैकेज दे सकती है। मंगलवार को होने वाली कैबिनेट कमिटी ऑफ इकनॉमिक अफेयर्स की मीटिंग में यह फैसला लिया जा सकता है। बता दें कि पिछले महीने सरकार ने गन्ना किसानों के लिए 1,500 करोड़ की सब्सिडी की घोषणा की थी।
चीनी मिलें किसानों को भुगतान करने में सक्षम नहीं हैं। साल 2017-18 में गन्ने की रेकॉर्ड पैदावार से इसके दाम भी गिरे हैं। ऐसे में गन्ना किसानों की हालत बदतर होती जा रही है। केवल उत्तर प्रदेश में ही किसानों के 12,000 करोड़ रुपये बकाया हैं। यूपी देश में सबसे ज्यादा गन्ने का उत्पादन करने वाला राज्य है।
सूत्रों के मुताबिक मिलों द्वारा किसानों को भुगतान कराने के लिए सरकार ने उपाय किए हैं। जानकारी के मुताबिक खाद्य मंत्रालय ने 30 लाख टन चीनी का बफर स्टॉक बनाने का प्रस्ताव रखा है। इसके रखरखाव में लगभग 1,300 करोड़ का खर्च आएगा जो सरकार वहन करेगी।
खाद्य मंत्रालय ने चीनी की कम से कम कीमत 30 रुपये सुनिश्चित करने और मिलों को माह में निश्चित मात्रा रिलीज करने के साथ मिलों के लिए कोटा फिक्स करने का भी प्रस्ताव रखा है। पेट्रोलियम मंत्रालय की तरफ से एथनॉल बनाने के लिए 4,500 करोड़ पर 6 फीसदी ब्याज की छूट देने का प्रस्ताव रखा है। सूत्रों के मुताबिक ब्याज पर दी गई छूट का खर्च भी सरकार पर 1,200 करोड़ का आएगा।
पेट्रोलियम मंत्रालय एथनॉल की कीमत बढ़ाने पर भी विचार कर रहा है जिससे मिलें किसानों का भुगतान कर सकें। वर्तमान में चीनी का एक्स-मिल प्राइस 25 से 26 रुपये है जो लागत से कहीं कम है। सरकार ने पहले ही चीनी पर आयात शुल्क 100 फीसदी बढ़ा दिया है और निर्यात शुल्क हटा लिया है। सरकार ने मिलों को 20 लाख टन चीनी निर्यात करने के भी निर्देश दिए हैं।
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