गंगा किनारे लेटकर सेल्फी ले रहा था युवक, बचाने में सात डूबे
|गंगा बैराज पर बुधवार सुबह पानी में लेटकर सेल्फी लेने की कोशिश में डूबे युवक को बचाने की कोशिश में 7 युवकों की मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही आसपास के लोगों ने 3 लड़कों को गहरे पानी से बाहर निकाला। हालांकि उन्नाव से आए गोताखोर घंटों की मशक्कत के बाद बाकी शव पानी से निकाल सके। मौके पर कोहना थाने की पुलिस को भारी विरोध का सामना करना पड़ा। स्वरूपनगर के सीओ ने 7 मौतों की पुष्टि की है।
पुलिस के मुताबिक, जूही एरिया के रहने वाले कई लड़के बुधवार सुबह 9:30 बजे तेज बारिश के बीच गंगा बैराज पर पहुंचे। इस बीच सत्यम पत्थरों के आगे गहराई में पानी में लेटकर सेल्फी लेने लगा। उसका बैलेंस बिगड़ा और वह गहरे पानी में चला गया। उसे बचाने के लिए साथ आए सचिन और विनय आगे बढ़े, लेकिन वे भी गहरे पानी में डूब गए। अचानक साथियों को नदी में डूबता देख बाकी लड़के बौखला गए और एक-एक कर दूसरों को बचाने के लिए पानी में छलांग लगा दी।
बारिश के बीच सुनसान इलाके में चीखें सुनकर वहां से गुजर रहे मोहम्मद मकसूद भी पानी में कूदे, लेकिन डूब गए। चीखें सुनकर आसपास के लोग आए। इन्होंने विनय, प्रदीप, अर्जुन और श्रीराम को बचा लिया। हादसे की सूचना पर आई पुलिस को बैराज पर कोई गोताखोर नहीं मिला। इस कारण उन्नाव से गोताखोर बुलाए। इस कवायद में करीब 11 बज गए। इसके बाद कई गोताखोरों ने एक-एक कर 6 युवकों को बाहर निकाला। इन्हें तुरंत हैलट हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने इन्हें मृत घोषित कर दिया। सबसे आखिरी में सत्यम का शव पानी से निकाला गया। मृतकों के नाम सत्यम (21), सचिन (21), गोलू (20), रोहित (20), शिवम (19), मकसूद (31) और भोला (16) हैं।
शवों को निकालने के बाद मौके पर ऐंबुलेंस न होने पर लोगों की पुलिस से झड़प हुई। हैलट हॉस्पिटल में पुलिस ने पंचनामा कर बिना पोस्टमॉर्टम कराए शव परिजनों को सौंप दिए। वहीं गंगा बैराज पर आए दिन हो रहे हादसों पर जेल मंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया ने डीएम को जांच का आदेश दिया है।
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