खेसारी लाल ने साधा राज कुंद्रा पर निशाना!:बोले- लोग इमेज बनाने के लिए प्रेमानंद के पास जा रहे हैं, वो पाप धोने की मशीन नहीं

बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी हाल ही में बिजनेसमैन-एक्टर पति राज कुंद्रा के साथ प्रेमानंद महाराज से मिलने पहुंची थीं। इस मुलाकात की तस्वीरें सुर्खियों में बनी हुई हैं, इसी बीच भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव ने बिना किसी का नाम लिए राज कुंद्रा पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि प्रेमानंद पाप धोने की मशीन नहीं हैं। खेसारी लाल यादव ने सोमवार को अपने ऑफिशियल X (पहले ट्विटर) अकाउंट से प्रेमानंद की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा है, ‘एक अपील, प्रेमानंद महाराज को बस अनुभूति कीजिए, कुछ दिनों से नोटिस किए कि कई लोग इमेज मेकिंग के लिए वहां जाने लगे हैं। वो पाप धोने वाली मशीन नहीं हैं। सच्ची श्रद्धा है तो बस उनकी बातों का अनुसरण कीजिए। हर जगह प्रमोशन और प्रचार ठीक नहीं लगता। भोरे-भोरे ज्यादा ज्ञान लगे फिर भी ठीक है।’ खेसारी ने भले ही अपनी पोस्ट में किसी शख्स का नाम न लिखा हो, हालांकि सोशल मीडिया यूजर्स उनकी पोस्ट को राज कुंद्रा और शिल्पा शेट्टी से जोड़कर देख रहे हैं। बताते चलें कि शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा 14 अगस्त को वृंदावन के केली कुंज आश्रम पहुंचे थे। ये मुलाकात 7 मिनटों तक चली, जिसमें राज कुंद्रा ने प्रेमानंद महाराज को अपनी एक किडनी देने की पेशकश की थी। इसके जवाब में प्रेमानंद जी ने कहा था, नहीं, नहीं, इसकी जरूरत नहीं है। मेरे पास अगर एक किडनी होगी, तब भी उतने ही दिन चलूंगा, जितनी दोनों नहीं होने पर चलने वाला हूं। यही यथार्थ है। जब तक भगवान नहीं चाहेंगे, तब तक बुलावा नहीं आएगा। मुलाकात की ये 3 तस्वीरें देखिए- शिल्पा शेट्टी ने प्रेमानंद महाराज से नाम जप के बारे में जानकारी ली। उन्होंने पूछा, राधा नाम जप कैसे करना चाहिए? संत महाराज ने बताया, कैसे भी राधा नाम जप करिए, सारे कष्टों से उन्हें मुक्त करेगा। संतों के वचनों को मानकर अगर चल दिए तो जीवन का बेड़ा पार हो जाएगा। प्रेमानंद ने कहा- एक प्रार्थना रहेगी आपसे कि जीवन भी एक अभिनय है। अभिनय करते हुए जीवन व्यतीत करना है। लेकिन यह जीवन किसके लिए व्यतीत करना है? इस प्रश्न का समाधान करना है। हम धन कमाते हैं, सब कुछ करते हैं, किसके लिए सुविधा के लिए, सुविधा किसके लिए जीवन के लिए। लेकिन जीवन किसके लिए है, प्रश्न यहां खड़ा होता है? अगर जीवन परमात्मा के लिए है, तो जीवन धन्य हो गया। नहीं तो न धन रहेगा, न वैभव रहेगा, न अभिनय रहेगा, न शरीर रहेगा, एक समय वह आने वाला है, जो हमारा नाम चिन्ह भी मिटा देगा।

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