क्या खत्म होने जा रहा है धोनी का ‘खेल’?
| साउथ अफ्रीका के हाथों टी20 सीरीज में मिली हार के बाद भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा है कि हर साल एक खराब प्रदर्शन उन्हें याद दिलाता है कि इस फॉर्मेट में ज्यादा दिमाग का यूज नहीं करना है। अक्सर टीम के लचर प्रदर्शन का ‘बोझ’ धोनी के कंधों पर आता रहा है। इस बार दिलचस्प होगा कि बीसीसीआई की नई बादशाहत धोनी को क्या रिव्यू देगी। शॉर्ट फॉर्मेट्स में उनकी क्या भूमिका रहेगी, यह भी देखने लायक होगा। विराट के बाद? जब से विराट कोहली को कप्तानी का ताज मिला, यह तय हो गया था कि धोनी कप्तान के तौर पर अब जादू बिखेरने से चूकते रहेंगे। पहले विश्वकप के फाइनल में हार, फिर बांग्लादेश से शिकस्त और अब टी-20 में शर्मनाक हार से धोनी पर जबरदस्त दबाव है। भारत बनाम न्यू जीलैंड, चेन्नै, सितंबर 2012, भारत बनाम श्रीलंका, ढाका, भारत बनाम इंग्लैंड बरमिंघम के मैचों में धोनी की ‘आर्ट’ कभी बेहतर तो कभी खराब रिव्यू की गई। दूसरे टी-20 में हार के बाद धोनी ने दूसरे टी-20 में छह विकेट से मिली हार के बाद कहा कि हर साल टी20 में हमने ऐसा प्रदर्शन देखा है जिसमें हम अच्छा नहीं खेल पाए। वह बोले कि अब शायद हम अगले मैचों में खुलकर खेल सकेंगे। धोनी ने दबी जुबान में कहा कि मेरा निजी तौर पर मानना है कि मैने इस फॉर्मेट में बहुत दिमाग लगाया, खुलकर अपने स्ट्रोक्स खेलना जरूरी था, मैने शुरूआत में वैसे ही खेला पर इस प्रारूप में आते ही बड़े शॉट्स खेलना जरूरी हो जाता है। हालांकि गुरुवार को तीसरे टी-20 में भारत की फिर से कड़ी परीक्षा होगी।
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