कोताही बरतने वाले अफसरो पर सरकार हुई सख्त
|कामकाज में कथित तौर कोताही ‘बरत’ रहे अपने अफसरों के खिलाफ अब सरकार सख्त होती नजर आ रही है। सरकार की ओर से अफसरों तक यह संदेश पहुंचाए जा रहे हैं कि वे उपराज्यपाल या केंद्र सरकार के साथ होने वाली बैठकों की जानकारी संबद्ध मंत्री तक पहुंचाए ताकि सरकार का कामकाज सुचारू चल सके। अफसरों को कहा जा रहा है कि अधिकारों की लड़ाई का मसला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और वहां से फैसला सरकार के पक्ष में आने के बाद कोताही बरतने वाले अफसरों के खिलाफ एक्शन भी लिया जा सकता है। सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि सरकार से संवाद न बनाने वाले अफसरों की जानकारी वह लगातार कोर्ट को देती रहेगी।
अधिकारों की लड़ाई को लेकर दिल्ली सरकार आजकल खासी परेशानी में है। हाई कोर्ट के इस आदेश पर कि दिल्ली के प्रशासनिक मुखिया उपराज्यपाल हैं, अफसरों ने सरकार से मुंह मोड़ लिया है और वे सीधे राजनिवास और केंद्र सरकार के अधीन काम करने लगे हैं। इस आशय की शिकायत दिल्ली सरकार कोर्ट में भी कर चुकी है, लेकिन वहां से भी उसे राहत नहीं मिली है। अब सरकार ने इस संकट से निपटने के लिए खुद ही पहल करनी शुरू कर दी है और अफसरों को ताकीद करना शुरू कर दिया है अधिकारों की लड़ाई की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है, जहां से सरकार के पक्ष में भी फैसला भी आ सकता है। उसके बाद सरकार अपने तरीके से इस समस्या से निपटेगी और शासन को बेहतर तरीके से चलाने के लिए हरसंभव उपाय करेगी।
सूत्र बताते हैं कि इस आशय के संदेश उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने अफसरों तक पहुंचाने शुरू कर दिए हैं। बताते हैं कि कल ही सत्येंद्र जैन ने स्वास्थ्य विभाग, पीडब्ल्यूडी व गृह विभाग के आला अफसरों को बुलाया था और उन्हें कहा था कि वे जो भी बैठकें राजनिवास से कर रहे हैं या अन्य मसलों को लेकर केंद्र सरकार से पत्र-व्यवहार कर रहे हैं, उसकी जानकारी संबद्ध मंत्री तक पहुंचाई जाए। उन्हें कहा गया है कि ऐसा करने से कामकाज सुचारू होगा और लोगों को लाभ मिलेगा। बताते हैं कि इससे पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी आला अफसरों तक इसी प्रकार का संदेश पहुंचाया था और कहा था कि अधिकारों की लड़ाई का मसला सुप्रीम कोर्ट में भी चल रहा है। सरकार को उम्मीद है कि वहां फैसला उसके पक्ष में होगा और ऐसा होने के बाद सरकार के साथ लापरवाही बरतने वाले अफसरों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। सूत्र बताते हैं कि सरकार की ओर से यह भी निर्णय लिया गया है कि जो भी अधिकारी सरकार या संबद्ध मंत्री के साथ समन्वय बनाकर नहीं रखेगा, उसकी शिकायत कोर्ट में की जाएगी। ताकि इस मसले पर वह अपना पक्ष मजबूत रख सके।
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