कॉल टर्मिनेट शुल्क दोगुना करने के लिए दबाव बना रहीं टेलिकॉम कंपनियां
|देश की नंबर वन टेलिकॉम कंपनी एयरटेल और आइडिया ने इंटरकनेक्शन यूजर चार्ज (आईयूसी) को दोगुना करने की मांग की है। यह मोबाइल कॉल के शुल्कों को प्रभावित कर सकता है। इन कंपनियों का कहना है कि उनके नेटवर्क पर दूसरे नेटवर्क से आने वाली कॉल्स को पूरा कराने की लागत 30 से 35 पैसे प्रति मिनट बैठती है। आईयूसी में किसी तरह का बदलाव मोबाइल कॉल की दरों को प्रभावित करेगा क्योंकि दूरसंचार दरें तय करते समय इस शुल्क पर ध्यान दिया जाता है।
हालांकि नई कंपनी रिलायंस जियो का मानना है कि इनकमिंग कॉल्स पर किसी तरह का शुल्क नहीं लगना चाहिए। ट्राई के चेयरमैन आर एस शर्मा ने मंगलवार को दूरसंचार ऑपरेटरों के साथ मीटिंग के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘आज की बैठक में सभी प्रमुख दूरसंचार कंपनियां शामिल रहीं। कुछ ऑपरेटरों ने आईयूसी को कम करने की मांग की। वहीं, कुछ ने इसे मौजूदा स्तर पर ही कायम रखने को कहा। कुछ अन्य कंपनियां चाहती हैं कि इसमें बढ़ोतरी की जाए।’
आईयूसी ट्राई द्वारा तय किया जाता है। फिलहाल प्रत्येक इनकमिंग कॉल पर 14 पैसे प्रति मिनट का आईयूसी लगता है। यह पूछे जाने पर कि क्या दूरसंचार ऑपरेटरों ने मोबाइल टर्मिनेशन शुल्क को मौजूदा 14 पैसे से बढ़ाकर 30 से 35 पैसे प्रति मिनट करने की मांग की है, उन्होंने इसका हां में जवाब दिया। हालांकि उन्होंने किसी ऑपरेटर का नाम नहीं लिया। उन्होंने कहा कि कई अन्य शुल्क भी आईयूसी का हिस्सा हैं, लेकिन कॉल टर्मिनेट शुल्क कार्यशाला में चर्चा का प्रमुख केंद्र रहा। इसकी वजह यह है कि बड़ी संख्या में कॉल्स पर यह शुल्क लगता है।
उन्होंने कहा कि आईयूसी पर सिफारिशें जल्द तैयार होंगी। हालांकि शर्मा ने इसके लिए कोई समयसीमा नहीं बताई। उद्योग के एक सूत्र ने कहा, ‘एयरटेल ने कहा है कि इनकमिंग कॉल को पूरा करने की लागत 30 पैसे बैठती है, ऐसे में आईयूसी बढ़ाया जाना चाहिए, जिससे वे अपनी लागत निकाल सकें।’ एक अन्य दूरसंचार कंपनी वोडाफोन का कहना है कि उसके नेटवर्क पर आईयूसी 34 पैसे प्रति मिनट बैठती है, जो आईयूसी की मौजूदा दर का दोगुना है। दूरसंचार दरें तय करते समय इस शुल्क को भी देखा जाता है।
सूत्र ने बताया कि आइडिया सेल्युलर का कहना था कि उसके नेटवर्क पर कॉल को पूरा करने की लागत ट्राई के तरीके से 30 पैसे बैठती है। हालांकि उसकी गणना के हिसाब से यह 35 पैसे प्रति मिनट बैठती है। कंपनी ने कहा कि वह मौजूदा आईयूसी दरों पर अपनी मूल लागत भी नहीं निकाल पाती है।
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