केजरीवाल को नहीं मिलेगा सीएस मारपीट मामले में पूछताछ का विडियो

नई दिल्ली
चीफ सेक्रेटरी अंशु प्रकाश के साथ कथित मारपीट मामले में दर्ज अपने बयान की कॉपी पुलिस से दिलाए जाने की मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मांग को अदालत ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि जांच एजेंसी कानून के तहत ऐसे किसी व्यक्ति को उनके बयान की कॉपी देने के लिए कानूनन बाध्य नहीं है।

अडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट समर विशाल ने पुलिस की दलीलों को मंजूरी देते हुए कहा कि यह बात सही है कि गवाह को पुलिस द्वारा दर्ज उसके बयान की कॉपी दिए जाने से जुड़ा कोई प्रावधान नहीं है। आरोपी को भी अभियोजन के दस्तावेजों की कॉपी पाने का हक तब मिलता है जब पुलिस अपनी फाइनल रिपोर्ट कोर्ट में फाइल कर देती है और उसे आरोपी के तौर पर समन भेजा जाता है।

कोर्ट ने कहा, आजकल एफआईआर की कॉपी वेबसाइट पर अपलोड हो रही हैं, जहां से आरोपी उसे हासिल कर सकते हैं। जांच एजेंसी फिलहाल कानून के तहत एक व्यक्ति के दर्ज बयान की कॉपी उन्हें देने के लिए बाध्य नहीं है, खासतौर पर जब उस व्यक्ति का स्टेटस भी साफ न हो कि मामले में उसे आरोपी बनाया जाएगा या गवाह। कोर्ट ने कहा कि जांच एजेंसी का यह भी मानना है कि ऐसे किसी बयान को देने से जांच को नुकसान पहुंचाने जैसा होगा।

सीएम की ओर से ऐडवोकेट बी. एस. जून और इरशाद ने अदालत में यह अर्जी दायर की थी। मांग की गई थी कि जांच एजेंसी को चीफ सेक्रेटरी पर कथित हमले से जुड़े मामले की जांच के दौरान 18 मई को सीआरपीसी की धारा-161 के तहत दर्ज उनके बयान और कार्यवाही की सीडी की कॉपी देने का निर्देश दिया जाए। सुनवाई के दौरान याची की ओर से ऐडवोकेट बी. एस. जून ने कोर्ट में तर्क दिया कि सीआरपीसी में हालांकि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है लेकिन नैचुरल जस्टिस के नियमों और फेयर प्ले में चाहिए कि एक गवाह, जिसका पुलिस ने बयान दर्ज किया हो उसे जब-तब मांगने पर बयान की कॉपी दी जाए। उन्होंने यह भी कहा कि बयान पर गवाह के साइन नहीं हैं, इसलिए उसे आशंका है कि जांच एजेंसी बाद में कहीं उसके बयान के साथ छेड़छाड़ न कर दे।

सरकारी वकील ने इसका विरोध किया। अडिशनल डीसीपी हरिंदर सिंह ने कोर्ट को बताया कि सीएम ने अपनी याचिका में कहा है कि मामले में वह आरोपी नहीं, गवाह हैं। इस केस की जांच अभी पूरी नहीं हुई है और जांच एजेंसी ने सीएम को गवाह भी घोषित नहीं किया है। मांग मान लेने से निष्पक्ष जांच के साथ इंसाफ नहीं होगा।

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