केजरीवाल की गलतफहमी दूर करने की कोशिश करूंगा: बस्सी

नई दिल्ली दिल्ली पुलिस को आरएसएस और बीजेपी की प्राइवेट आर्मी बताने के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बयान से पुलिस कमिश्नर बी एस बस्सी सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा है कि जब वह केजरीवाल से मिलेंगे तो उनकी गलतफहमी दूर करने की कोशिश करेंगे। रविवार को आरएसएस मुख्यालय के सामने वामपंथी संगठनों के छात्र-छात्राओं की पुलिस के हाथों पिटाई के बाद अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली पुलिस को आरएसएस और बीजेपी की प्राइवेट आर्मी बताया था।

इस घटना के बारे में बस्सी ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि हर इंसान को आगे-पीछे हाथ घुमाने का अधिकार है, लेकिन उसका अधिकार वहां खत्म हो जाता है, जहां दूसरे इंसान की नाक शुरू होती है। बस्सी का इशारा इस ओर था कि विरोध-प्रदर्शन कर रहे स्टूडेंट्स ने अपनी सीमाएं तोड़ी थीं। ऐसी विडियो फुटेज सामने आई है, जिनमें ये लड़के-लड़कियां प्रधानमंत्री को गोलियां बोलते हुए, पुलिस वालों को उकसाते हुए नजर आ रहे हैं। माना जा रहा है कि बस्सी का इशारा इसी ओर है।

भीमसेन बस्सी ने हाथ घुमाने के अधिकार की सीमा दूसरे आदमी की नाक तक होने की कहावत के लिए अमेरिकन जज ऑलिवर वेंडल होम्स का हवाला दिया है। सिविल लिबर्टीज के आदेशों के लिए मशहूर वेंडल होम्स ने अपने एक जजमेंट में यह लाइन लिखी थी। हालांकि उससे पहले 1919 में हार्वर्ड लॉ रिव्यू में एक निबंध में भी यह लाइन लिखी गई थी। बस्सी ने यह भी कहा कि 2015 में दिल्ली पुलिस ने 11156 प्रदर्शन शांतिपूर्वक हैंडल किए गए थे।

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