कानपुर मेट्रो को लेकर समाजवादी पार्टी और बीजेपी में तनातनी

कानपुर
कानपुर मेट्रो प्रॉजेक्ट के शिलान्यास के पहले क्रेडिट लेने की जंग में बीजेपी और समाजवादी पार्टी में तनातनी शुरू हो गई है। समाजवादी पार्टी के नेताओं ने पूरे शहर में होर्डिंग-बैनर और पोस्टर लगा दिए हैं। वहीं बीजेपी ने शहर के हर चौराहे पर आतिशबाजी की तैयारी की है। साथ ही कहा है कि समाजवादी कार्यकर्ता किसी मुगालते में ना रहें, जबकि प्रशासन का फोकस 4 अक्टूबर के प्रोग्राम में दोनों पार्टियों के किसी संभावित टकराव को टालने पर है।

बीजेपी सांसद मुरली मनोहर जोशी से बातचीत के बाद सीएम अखिलेश ने 4 अक्टूबर को कानपुर मेट्रो प्रॉजेक्ट के शिलान्यास की डेट फाइनल की थी। सबसे पहले बीजेपी ने जोशी के फोटोवाले होर्डिंग लगाकर क्रेडिट लेने की कोशिश की। जवाब में एसपी कार्यकर्ताओं ने शहर में जगह-जगह होर्डिंग-पोस्टर लगा दिए। लगातार तीखी बयानबाजी और पालिका स्टेडियम में होने वाले शिलान्यास कार्यक्रम में किसी हंगामे की आशंका में जिला प्रशासन के होश उड़ गए।

डीएम की कोशिश है कि दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं को आमने-सामने बैठाकर बीच का रास्ता निकाला जाए। समाजवादी पार्टी के शहर अध्यक्ष फजल महमूद के अनुसार, मेट्रो तो सीएम अखिलेश लाए हैं। अब तक बीजेपी क्या कर रही थी। पीएम मोदी के क्षेत्र वाराणसी में तो अब तक मेट्रो लापता है। समाजवादी कार्यकर्ता प्रोग्राम में बीजेपी के साथ नहीं बैठेंगे। प्रोग्राम में कोई टकराव नहीं होगा। वहीं, बीजेपी के शहर अध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी के मुताबिक, मेट्रो में 50 पर्सेंट हिस्सा केंद्र का है।

3,555 करोड़ रुपये की गारंटी शहरी विकास मंत्रालय ने दी है। अखिलेश ने 2012 में मेट्रो क्यों नहीं चलवाई थी? मंच पर केंद्रीय मंत्री वैंकैया नायडू भी रहेंगे। अखिलेश को क्रेडिट लेना है तो 3,555 करोड़ की गारंटी अपने घर से दें। हम 4 अक्टूबर को हर चौराहे पर आतिशबाजी करेंगे। अनुशासन में रहेंगे, लेकिन जवाब भी देना आता है। इस पर कानपुर के एडीएम अविनाश सिंह ने कहा, ‘कहीं कुछ गड़बड़ नहीं होगी। सभी लोग मच्योर हैं। प्रोग्राम शांतिपूर्ण होगा।’

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