कानपुर में सनफीस्ट के पास्ता में ज्यादा मिला लेड
| आबिदी के अनुसार, फजलगंज के श्री ट्रेडर्स से 9 जून को फूड इंस्पेक्टर्स की टीम ने सनफीस्ट के ट्राई कलर पास्ता का सैंपल लिया था। इसे लैब में जांच के लिए भेजा गया था। लैब रिपोर्ट के मुताबिक यह पास्ता मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है, क्योंकि इसमें लेड 4.043 पीपीएम (पार्ट पर मिलियन) मिला है। जबकि इसकी सुरक्षित और तय मात्रा सिर्फ 2.5 पीपीएम है। अब राज्य सरकार या फूड सेफ्टी कमिश्नर की परमिशन से कंपनी और विक्रेता पर मुकदमा चलेगा। इसकी सेल रोकने का फैसला भी वही से होगा। इसी तरह मुफर्रा शर्बत में भी एल्युमिनियम का वर्क मिला है। यह भी सेहत के लिए बेहद नुकसानदेह है। यह सैंपल मई में लिया गया था। यह होता है नुकसान
मैगी नूडल्स के बाद अब सनफीस्ट के पास्ता में लेड सुरक्षित मात्रा से डेढ़ गुना ज्यादा मिला है। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी (एफएसएसएआई) के डेजिगनेटिंग ऑफिसर शाहनवाज आबिदी के अनुसार, 9 जून को फजलगंज की एक दुकान से पास्ते का सैंपल लिया गया था। गुरुवार को लखनऊ लैब से आई रिपोर्ट में लेड ज्यादा होने के बारे में पता चला। परमिशन के बाद कंपनी और दुकानदार के खिलाफ मुकदमा होगा।
डॉ. आरती लालचंदानी के अनुसार, ज्यादा लेड से नसें खराब हो जाती हैं। शरीर में झनझनाहट और सुन्नपन आ जाता है। यह लिवर फेल होने और पीलिया का कारण बनता है। आंतें खराब होकर इसमें अल्सर हो जाता है। ज्यादा दिन तक यूज से यह ब्लड में जम जाता है। इससे ब्लड सर्कुलेशन भी रुक सकता है। हार्ट की मसल्स में भी यह दिक्कत पैदा करता है। मांसपेशियां खराब होने के साथ यह दिमाग भी कमजोर करता है।
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