कानपुर: जलन के कारण महिला ने नवजात को अस्पताल की छत से फेंका!

कानपुर
कानपुर के एक निजी अस्पताल में दिल दहला देने वाली घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है। इन तस्वीरों में एक महिला अस्पताल की बालकनी से नवजात शिशु को तीस फिट नीचे जमीन पर फेंकने के लिये ले जाते दिखायी पड़ी है। पुलिस को तफ्तीश में पता चला कि यह महिला कोई और नहीं बच्चे की सगी चाची थी जिसने ईर्ष्या के कारण अपनी देवरानी के बेटे के पैदा होने पर मारने की कोशिश की थी क्योंकि उसके खुद तीन बेटियां हैं।

यह तस्वीरें आपके दिल को दहला सकती हैं और दिमाग को यह सोचने पर मजबूर कि क्या बेटियां पैदा होने से मां को मातृत्व सुख नहीं मिलता है ? क्या कोई महिला अपने भतीजे को इसलिये मार सकती है कि अगर उसके बेटा नहीं हुआ है तो वो परिवार के किसी और सदस्य के बेटे को जिन्दा नहीं रहने देगी। कम से कम ये तस्वीरें तो समाज की इसी गंदी सोच का जिन्दा नमूना पेश कर रही हैं।

तिर्वा कन्नौज जिले के किसान दंपती सर्वेश और रमना को 18 दिन पहले बेटा हुआ था। डाक्टरों ने बताया कि शिशु सेप्टीसीमिया जैसी जानलेवा बीमारी का शिकार है। इलाज के लिये बच्चे को कानपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। सोमवार सुबह बच्चा बिस्तर से गायब दिखा। बच्चे की जगह किसी ने तौलिया लपेट कर रखा हुआ था। बच्चे के गायब होने से अस्पताल में हड़कंप मच गया।

पुलिस ने अस्पताल पहुंच जांच शुरू की। अस्पताल के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज चेक की गयी तो एक महिला बच्चे को कमरे से बच्चे को बालकनी में जाते दिखायी पड़ी और बाद में शॉल में तौलिया लपेट कर बच्चे के बिस्तर पर रखते देखी गयी। इसके बाद परिवारवालों से महिला की पहचान करायी गयी तो वो कोई और नहीं बच्चे की सगी चाची निकली।

चाची ने तो अपनी तरफ से बच्चे की जान लेने की पूरी कोशिश की थी लेकिन बच्चा जमीन पर गिरने की बजाय पड़ोस के मकान में लगे लोहे के जाल में फंस गया। उसे कुछ चोटें तो आयीं लेकिन उसकी जान बच चुकी थी। बच्चे को जाल से निकालने के लिये अस्पताल का एक कर्मचारी अपनी जान पर खेल गया। तीस फुट नीचे जाल पर कूदकर बच्चे को बाहर तो निकाल लाया लेकिन इस नेक काम में उसके पैर की हड्डी टूट गयी। जख्मी शिशु को आईसीयू में भर्ती कराया गया है।

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