कश्मीर पर शरीफ चाहते हैं तीसरे पक्ष की मध्यस्थता
|पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा है कि कश्मीर पर भारत और पाक में गतिरोध का मुख्य कारण है और इस मुद्दे पर वार्ता प्रक्रिया में गतिरोध दूर करने के लिए तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की जरूरत है। शरीफ ने गुरुवार को अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मुलाकात के बाद कहा, ‘वर्तमान में कश्मीर मुद्दे के हल पर भारत और पाकिस्तान के बीच कोई द्विपक्षीय बातचीत नहीं हो रही। इस परिदृश्य में इस पर मध्यस्थता के लिए तीसरे पक्ष की जरूरत है। अगर भारत तीसरे पक्ष की भूमिका स्वीकार नहीं करता, अगर कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं होती तो गतिरोध बना रहेगा।’ कश्मीर मुद्दे पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को खारिज करते हुए भारत ने कहा है कि भारत-पाकिस्तान के बीच सभी प्रमुख मुद्दों को द्विपक्षीय तरीके से सुलझाया जाना चाहिए।
एक सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘इस गतिरोध को दूर करने की जरूरत है।’ उर्दू में बोल रहे शरीफ ने कहा कि मैंने ओबामा सहित अमेरिकी नेतृत्व के साथ अपनी सभी बैठकों में कश्मीर का मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा, ‘संयुक्त बयान में भी इसका (कश्मीर का) जिक्र हुआ था।’ उन्होंने यह भी कहा कि सभी ने यह माना है कि कश्मीर तनाव का मुख्य कारण है और इसके समाधान की जरूरत है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के अनुसार, उन्होंने ओबामा को कश्मीर में शांति के लिए अपनी पहल के बारे में बताया। शरीफ ने कहा, ‘दुर्भाग्यवश, पाकिस्तान को उसकी शांति पहल पर भारत से अपेक्षित प्रतिक्रिया नहीं मिली।’ उन्होंने कहा कि ओबामा ने बैठक में सहमति जताई कि कश्मीर मुद्दे का हल किया जाना चाहिए।
भारत, पाकिस्तान संबंधों के बारे में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में शरीफ ने बताया कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए भारत गए थे। उन्होंने कहा कि मुलाकात के दौरान उन्होंने नरेंद्र मोदी को शांति प्रक्रिया को वहीं से बहाल करने का प्रस्ताव दिया, जहां से उन्होंने और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 1999 में लाहौर में उसे छोड़ा था। शरीफ ने कहा कि उन्होंने मोदी से आग्रह किया कि दोनों नेताओं को बातचीत करनी चाहिए और दोनों देशों के बीच चल रहे मुद्दों को हल करना चाहिए।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा, ‘वह बातचीत के लिए सहमत हो गए और फिर अचानक ही विदेश सचिव स्तरीय बातचीत एकपक्षीय तरीके से रद्द कर दी गई।’ शरीफ ने कहा, ‘अगर उन्होंने मुझसे बात की होती तो चीजें कुछ और हो सकती थीं। लेकिन उन्होंने मुझसे विचार-विमर्श किए बिना ही ऐसा फैसला कर लिया।’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के विभिन्न हिस्सों में भारत की कथित गतिविधियों के बारे में कल विदेश मंत्री जॉन केरी को तीन डोजियर सौंपे गए। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि अमेरिकी नेताओं के साथ बातचीत में नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि संघर्ष विराम का न केवल नियंत्रण रेखा पर क्रूरतापूर्वक उल्लंघन किया जा रहा है बल्कि वास्तविक सीमा पर भी ऐसा हो रहा है।
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