कर्ज लेना हो सकता है महंगा, जल्द ही ब्याज दरें बढ़ा सकते हैं बैंक
|देश में बढ़ती महंगाई और इकनॉमिक ग्रोथ की धीमी रफ्तार के बाद लोगों को जल्द ही एक और झटका लग सकता है। बैंक कर्ज पर लगने वाले ब्याज की दरें जल्द ही बढ़ा सकते हैं। हालांकि आरबीआई ने बुधवार को मॉनिटरी पॉलिसी में दरों में कोई बदलाव नहीं किया है, लेकिन फिर भी बैंक अपने लोन पर ब्याज दरें बढ़ा रहे हैं। बैंकों को डर है कि बॉन्ड्स से बढ़ रहे मुनाफे और कड़े नियम उनके प्रॉफिट को कम कर सकते हैं।
रिजर्व बैंक के द्वारा पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं करने के बावजूद एसेट्स के लिहाज से देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक एचडीएफसी ने अपनी दरों को 10 बेसिस पॉइंट तक बढ़ा दिया है। एचडीएफसी बैंक के इस फैसले के बाद कई बैंकों के द्वारा ऐसा करने की उम्मीद की जा रही है। ऐसे वक्त में जब देश में इकनॉमिक ग्रोथ की रफ्तार धीमी पड़ी है और बड़े प्राइवेट इन्वेस्टमेंट्स की जरूरत महसूस की जा रही है, बैंक कोई भी रिस्क लेना नहीं चाह रहे हैं। हाल ही में आरबीआई के द्वारा किए गए एक स्टडी में यह बात निकलकर सामने आई है कि बॉरोइंग कॉस्ट में 100 बेसिस पॉइंट्स की बढ़ोतरी से इन्वेस्टमेंट रेट में 91 बेसिस पॉइंट्स की गिरावट होती है।
एक बड़े सरकारी बैंक के प्रमुख ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स से कहा, ‘लेंडिंग रेट बढ़ना तय है।’ बैंकों की स्थिति काफी दयनीय है। बैंक कई तरह के खतरे का सामना कर रहे हैं। इन्फ्लेशन में बढ़ोतरी ने बैंकों को काफी नुकसान पहुंचाया है। एचडीएफसी बैंक के ट्रेजरर आशीष पार्थसारथी के अनुसार बड़ी समस्या कॉस्ट ऑफ फंड्स का बढ़ना भी है। एक्सपर्ट्स के अनुसार बैंकों को ज्यादा से ज्यादा फंड्स आकर्षित करने के लिए डिपॉजिट रेट भी बढ़ाने को मजबूर होना पड़ सकता है।
अर्थशास्त्रियों को जल्द स्थिति में बदलाव की उम्मीद नहीं है, उनका कहना है कि आरबीआई को बैंकों को उबारने के लिए डेट मार्केट को सपॉर्ट करना चाहिए। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के मुख्य अर्थशास्त्री सौम्य कांति घोष ने कहा , ‘बॉन्ड यील्ड्स में बड़ी बढ़ोतरी की वजह से लेंडिंग रेट्स बढ़ सकता हैं।’ अब अगर एक्सपर्ट्स की आशंकाएं सही साबित होती हैं तो बढ़ती ब्याज दरों की मार आम आदमी पर पड़ना तय है।
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