कभी इंजीनियर बनना चाहते थे यश चोपड़ा, किस्मत ने बनाया ‘किंग ऑफ रोमांस’
|मुंबई: किंग ऑफ रोमांस के नाम से मशहूर फिल्ममेकर यश चोपड़ा को दुनिया से अलविदा कहे 4 साल (21 अक्टूबर, 2012) बीत चुके हैं। 'दीवार', 'कभी कभी', 'डर', 'चांदनी', 'सिलसिला', 'दिल तो पागल है', 'वीर जारा' जैसी कई बेहतरीन और रोमांटिक फिल्में बनाने वाले यश चोपड़ा ने पर्दे पर रोमांस और प्यार को नए मायने दिए हैं। यश चोपड़ा शराब और सिगरेट से दूर थे, लेकिन खाने के बड़े शौकीन थे। इंजीनियरिंग के लिए जाने वाले थे लंदन… यश चोपड़ा का जन्म 27 सितंबर 1932 को लाहौर में हुआ था। उनकी पढ़ाई लाहौर में हुई। 1945 में इनका परिवार पंजाब के लुधियाना में बस गया था। यश चोपड़ा कभी इंजीनियर बनना चाहते थे। वो इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए लंदन भी जाने वाले थे, लेकिन उनकी किस्मत कहीं और लिखी हुई थी। फिल्मों में करियर बनाने का सपना लिए वो बंबई आए थे। 1959 में डायरेक्ट की पहल फिल्म यश चोपड़ा ने बतौर सहायक निर्देशक अपने करियर की शुरुआत बड़े भाई बी आर चोपड़ा और आई एस जौहर के साथ की। साल 1959 में उन्होंने पहली फिल्म 'धूल का फूल' का निर्देशन किया। कई सफल फिल्मों के बाद 1973 में उन्होंने अपनी…