कंपोजिशन स्कीम में जीएसटी रिटर्न से सरकार हैरान, 5 लाख कंपनियों का कारोबार 5 लाख रुपये से कम
|कंपनियों द्वारा जीएसटी कंपोजिशन स्कीम के तहत दाखिल रिटर्न की संख्या से सरकार हैरान है। करीब 5 लाख कंपनियों ने रिटर्न में अपनी सालाना बिक्री को सिर्फ 5 लाख रुपये तक ही दिखाया है। जीएसटी के तहत 20 लाख रुपये तक कारोबार करने वाली कंपनियों को जीएसटी व्यवस्था से छूट है।
जुलाई-सितंबर की अवधि के दौरान कंपोजिशन स्कीम के विकल्प को चुनने वाली करीब 10 लाख कंपनियों में से 7 लाख ने इस तिमाही के लिए रिटर्न दाखिल किया है। वित्त सचिव हसमुख अधिया ने मंगलावर को उद्योगों की एक बैठक में कहा, ‘हैरानी की बात है कि इन 7 लाख कंपनियों में से 5 लाख ने अपना जो रिटर्न दाखिल किया है, उसके मुताबिक उनका वार्षिक कारोबार 5 लाख रुपये से कम बैठता है। अब हम सोच रहे हैं कि उनको पंजीकरण कराने की क्या जरूरत थी। जीएसटी में 20 लाख रुपये तक के सालाना कारोबार तक पंजीकरण कराने की जरूरत नहीं है।’
अधिया ने कहा, ‘हम इस गणित को नहीं समझ पाए, जबकि हमने कंपोजिशन स्कीम के लिए सीमा बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपये कर दी। ऐसा करने की जरूरत नहीं थी।’ जीएसटी परिषद ने नवंबर, 2017 में कंपोजिशन स्कीम की सीमा बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपये करने का फैसला किया था और साथ ही जीएसटी कानून को संशोधित कर सांविधिक सीमा को 2 करोड़ रुपये करने का फैसला किया है। उससे पहले तक यह सीमा 1 करोड़ रुपये थी। कंपोजिशन स्कीम के तहत कारोबारी और मैन्युफैक्चरर्स को 1 प्रतिशत कम दर पर कर का भुगतान करने की अनुमति होती है।
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