कंगना रनोट @39, एक्ट्रेस से सांसद बनने का सफर:उद्धव से कहा था- आज मेरा घर टूटा कल तेरा गुरूर टूटेगा; थप्पड़-बयान से बटोरीं सुर्खियां

बॉलीवुड एक्ट्रेस और सांसद कंगना रनोट आज 39 साल की हो गई हैं। कंगना का जन्म हिमाचल प्रदेश के मंडी में हुआ था। आज कंगना इसी लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी की सांसद हैं। बॉलीवुड में मुकाम हासिल करने के बाद कंगना राजनीति में भी पैर जमा चुकी हैं। कंगना अपने बेबाक बयानों के लिए जानी जाती हैं। विवादों से कंगना का पुराना नाता है, यही कारण है कि उन्हें कंट्रोवर्सी क्वीन भी कहा जाता है। कंगना के 39वें जन्मदिन के मौके पर जानते हैं उनके एक्ट्रेस से सांसद बनने का सफर….. बयानों में बड़े नेताओं को निशाने पर लेने से चर्चा में आईं कंगना एक्टिंग के साथ धीरे-धीरे राजनीति में भी इंटरेस्ट लेने लगीं। ऐसा कोई भी मुद्दा जो राष्ट्रीय चर्चा का विषय बना, कंगना ने उस पर अपना पक्ष बहुत बेबाकी से रखा। कंगना ने अपने बयानों से राजनीतिक हस्तियों को आड़े हाथों लिया है। ज्यादातर मौकों पर नेताओं को उनके बयान पसंद नहीं आए और उन्होंने उनके बयानों की गंभीर आलोचना की। 1. उद्धव से कहा था- आज मेरा घर टूटा है कल तेरा घमंड टूटेगा साल 2020, कंगना रनोट और महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार के बीच विवाद की शुरुआत तब हुई थी, जब कंगना ने कहा था कि मुझे मुंबई पुलिस से डर लगता है। इसके बाद शिवसेना नेता संजय राउत ने कंगना को मुंबई छोड़ने की सलाह दी। इस बात को लेकर कंगना ने मुंबई की तुलना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) से करते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लेकर कई टिप्पणियां कीं। विवाद बढ़ा तो एक्ट्रेस ने 9 सितंबर को मुंबई आने की बात कही और कहा कि जिसको जो उखाड़ना है उखाड़ ले। इसके बाद जब वे मुंबई आईं तो उसी दिन बीएमसी ने उनके मुंबई स्थित ऑफिस में अवैध निर्माण हटाने के नाम पर जमकर तोड़फोड़ की। जिसके बाद कंगना ने फिर अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए उद्धव ठाकरे पर हमला बोला। कंगना रनोट ने मुंबई पहुंचकर बीएमसी की कार्रवाई पर कहा था- 2. किसानों को आतंकवादी कहा घटना साल 2020 की है, कंगना ने राजनीतिक मुद्दों पर बोलने में दिलचस्पी लेना शुरू कर दिया था। कंगना शुरू से ही राइट विंग को सपोर्ट करती हैं। दिसंबर 2020 में किसान आंदोलन के समय कंगना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट लिखी, जिस पर इतना बवाल हुआ कि कंगना के सांसद बनने के बाद एक महिला कॉन्स्टेबल ने उन्हें थप्पड़ तक जड़ दिया था। दरअसल, 88 साल की बुजुर्ग महिला महिंदर कौर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया था। महिंदर पंजाब के किसानों के साथ मार्च करती नजर आ रही थीं। उस वक्त कंगना ने बिलकीस (शाहीन बाग प्रदर्शन में शामिल) और महिंदर कौर दोनों की तस्वीरें एक साथ पोस्ट करते हुए तंज कसा था। ‘ये वही दादी हैं, जिन्हें टाइम मैगजीन की 100 सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों की लिस्ट में शामिल किया गया था….और ये 100 रुपए में उपलब्ध हैं।’ साल 2024 में लोकसभा सांसद बनने के बाद कंगना रनोट दिल्ली आ रही थीं। मोहाली एयरपोर्ट पर सीआईएसएफ की महिला कॉन्स्टेबल ने एक्ट्रेस को थप्पड़ जड़ दिया था। कॉन्स्टेबल कुलविंदर कौर का कहना था कि कंगना ने किसान आंदोलन के दौरान जो बयान दिया था, उससे वो नाराज थी। कॉन्स्टेबल का कहना था कि किसान आंदोलन में उनकी मां भी शामिल हुई थीं। 3. कहा- देश को 2014 में असली आजादी मिली कंगना ने साल 2021 में एक टीवी शो में ऐसा बयान दिया, जिसके बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया। कंगना ने कहा था- भारत को साल 1947 में भीख में आजादी मिली थी और देश को असली आजादी साल 2014 में मिली। मार्च 2024 में, कंगना रनोट ने बीजेपी कैंडिडेट के तौर पर मंडी लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। उन्होंने 72 हजार वोटों के अंतर से कांग्रेस कैंडिडेट विक्रमादित्य सिंह को हराया था। बयानों पर भाजपा ने चेतावनी दी कंगना सभी मुद्दों पर अपनी राय रखती हैं। 2024 में सांसद बनने के बाद भी कंगना ने कुछ ऐसे बयान दिए कि खुद की ही पार्टी बीजेपी ने उन्हें सख्त हिदायत देते हुए कहा कि वे इस प्रकार के कोई बयान भविष्य में न दें। दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में कंगना ने कहा था कि अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं रहता तो किसान आंदोलन के दौरान पंजाब को भी बांग्लादेश बना दिया जाता। पंजाब में किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे। वहां रेप और हत्याएं हो रही थीं। किसान बिल को वापस ले लिया गया वरना इन उपद्रवियों की बहुत लंबी प्लानिंग थी। वे देश में कुछ भी कर सकते थे। कंगना के सांसद बनने के बाद उनका एक पुराना बयान भी काफी सुर्खियों में आया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि वो चुनाव जीतने के बाद फिल्म इंडस्ट्री छोड़ देंगी। हालांकि कंगना ने फिल्म इंडस्ट्री नहीं छोड़ी। हाल ही में कंगना की फिल्म इमरजेंसी रिलीज हुई थी। राजनीति और बॉलीवुड पर दिए बयानों ने बनाया कंट्रोवर्सी क्वीन कंगना ने दैनिक भास्कर को दिए एक पुराने इंटरव्यू में कहा था- मैंने इंडस्ट्री में फैले सेक्सिज्म, नेपोटिज्म और आइटम नंबर्स के खिलाफ हमेशा से ही बोला है। मी टू मूवमेंट के वक्त भी मैंने काफी लोगों की पोल खोली थी। सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड के वक्त भी मैंने काफी खुलासे किए, जिसकी वजह से काफी लोगों को मिर्ची लगी थी। 15 साल की उम्र में घर से भागीं, स्ट्रगल कर एक्ट्रेस बनीं कंगना के पिता अमरदीप रनोट बिजनेसमैन और मां स्कूल टीचर थीं। पिता बेटी को डॉक्टर बनाना चाहते थे, लेकिन कंगना ने अपनी जिंदगी का रास्ता पहले से ही तय कर रखा था। मेडिकल की पढ़ाई के लिए कंगना का एडमिशन चंडीगढ़ के डीएवी स्कूल में कराया गया था, लेकिन उन्हें मेडिकल की पढ़ाई में बिल्कुल इंटरेस्ट नहीं था। वह कुछ अलग करना चाहती थीं। कंगना स्कूल में फ्रेशर्स नाइट फेयरवेल पार्टी में मॉडलिंग करती थीं। कंगना को मॉडलिंग इतनी पसंद आने लगी कि उन्होंने स्कूल जाना ही छोड़ दिया। जब ये बात पिता को पता चली, तो उन्होंने कंगना की जमकर पिटाई की, लेकिन उन पर इसका कोई असर नहीं हुआ। कंगना ने ठान लिया था कि वह एक्ट्रेस ही बनेंगीं। इस फैसले के साथ महज 15 साल की उम्र में उन्होंने घर छोड़ दिया था। दिल्ली में गुजारे के लिए छोटे-मोटे काम किए 15 साल की छोटी उम्र में ही कंगना ने अपनी राहें परिवार से जुदा कर लीं और दिल्ली पहुंच गईं। दिल्ली पहुंचने के बाद किस्मत और मेहनत से उन्हें एलीट मॉडलिंग एजेंसी में काम मिला। वहां पर कुछ असाइनमेंट करने के बाद कंगना ने थिएटर का रुख किया। उन्होंने एक्टिंग करियर की शुरुआत अस्मिता थिएटर ग्रुप से की। एक्टिंग की ट्रेनिंग जाने-माने रंगमंच निर्देशक अरविंद गौड़ से ली। 5-6 महीने की कड़ी मशक्कत के बाद उन्होंने अरविंद के थिएटर वर्कशॉप इंडिया हैबिटेट सेंटर में भाग लिया। उनका पहला नाटक गिरीश कर्नाड का ‘रक्त कल्याण’ था। कंगना चंद महीनों तक दिल्ली में रहकर मॉडलिंग, एंकरिंग और बैक स्टेज एक्टिंग जैसे छोटे-मोटे काम करती रहीं और फिर सपनों के शहर मुंबई आ गईं। जब पिता को इस बात की खबर लगी तो वो बेहद नाराज हुए और बेटी से बातचीत पूरी तरह बंद कर दी। जद्दोजहद के बाद मिला पहला रोल, बेस्ट डेब्यू एक्ट्रेस का अवॉर्ड भी जीता कंगना के लिए फिल्म में एक्टिंग करने का मौका पाना इतना आसान नहीं था। एक्ट्रेस को काफी जद्दोजहद करने के बाद अपना पहला रोल मिला था। कंगना को अंग्रेजी नहीं आने की वजह से इंडस्ट्री के लोग उनका मजाक उड़ाते थे, लेकिन उन्होंने इसे एक टास्क के तौर पर लिया और अंग्रेजी सीख कर खुद को साबित किया। कंगना ने अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत साल 2006 में अनुराग बसु की फिल्म गैंगस्टर से की थी। अपने पहले ही रोल के लिए उन्हें बेस्ट डेब्यू एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला। फिल्म की सफलता के बाद उन्हें बॉलीवुड में मीना कुमारी की तरह ट्रैजडी क्वीन कहा जाने लगा। कहा जाता है कि अनुराग ने कंगना को सबसे पहले एक कॉफी शॉप पर स्पॉट किया था। इसके बाद उन्होंने कंगना को फिल्म के लिए साइन कर लिया था। हालांकि कंगना का कहना है कि कॉफी शॉप वाली बात पीआर टीम की कहानी थी, असल में ऐसा कुछ नहीं हुआ था। मुंबई आकर ड्रग एडिक्ट बनीं, फिर रिहेब कर छोड़ी लत साल 2020 में कंगना ने खुद इस बात को कबूल किया था कि बॉलीवुड इंडस्ट्री में आने के बाद उन्हें ड्रग्स लेने की लत लग गई थी। 29 मार्च 2020 को कंगना रनोट ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो अपलोड किया। जिसमें वह कह रहीं है कि मैं कुछ सालों में ही फिल्म स्टार बन गई थी। इंडस्ट्री में आने के बाद मैं ड्रग एडिक्ट हो गई थी। मेरे जीवन में बहुत कुछ हो रहा था। मैं गलत लोगों के हाथों में पड़ गई और यह सब तब हुआ जब मैं यंग ऐज में थी। कंगना ने दैनिक भास्कर को दिए एक इंटरव्यू में बॉलीवुड इंडस्ट्री के कल्चर को लेकर कहा था- मैं 2004 में मुंबई आई थी। 2006 में पहली फिल्म मिली। 2014 तक मुझे एक साधारण एक्ट्रेस के तौर पर देखा जाता था। इंडस्ट्री वालों का मुझे लेकर सकारात्मक रवैया था। 2014 के बाद जब मेरी फिल्में हिट होना शुरू हो गईं तो इनका दिमाग हिलने लगा। उन्हें लगा कि ये कौन बाहरी लड़की आकर अपनी जगह बना रही है। यह न तो बड़े बाप की बेटी है और न ही इंडस्ट्री में इसका कोई गॉडफादर है, फिर ये इतनी सफल क्यों हो रही है। तनु वेड्स मनु रिटर्न्स के सुपरहिट होते ही ये और भी ज्यादा मेरे पीछे पड़ गए। मुझे गालियां देने लगे, चरित्र हनन करने लगे, मुझे साइको बुलाने लगे। मतलब जो लड़की उनके लिए 10 साल से नॉर्मल थी, वो अचानक साइको हो गई? करण जौहर, केतन मेहता और अपूर्व असरानी जैसे फिल्म मेकर्स हर रोज मेरे खिलाफ बयान देते थे। यहां तक कि जिनसे मेरा सालों पहले ब्रेकअप हो गया था, वो भी मुझे नोटिस भेजने लगे। मुझे कहने लगे कि मैं उन्हें स्टॉक करती हूं, उन्हें अपनी माहवारी का खून पिलाती हूं। मुझ पर ऐसे-ऐसे इल्जाम लगाए गए, जो आप सपने में भी नहीं सोच सकते। कंगना ने प्रोडक्शन हाउस खोला, डायरेक्टर बनीं कंगना ने साल 2020 में अपना प्रोडक्शन हाउस मणिकर्णिका फिल्म्स लॉन्च किया। फिल्म टीकू वेड्स शेरू से बतौर प्रोड्यूसर डेब्यू किया। साल 2019 में कंगना ने फिल्म मणिकर्णिका : द क्वीन ऑफ झांसी का डायरेक्शन किया। हाल ही में रिलीज फिल्म इमरजेंसी का भी डायरेक्शन कंगना ने ही किया है। इस फिल्म में कंगना ने देश की पूर्व पीएम इंदिरा गांधी का रोल निभाया है।

बॉलीवुड | दैनिक भास्कर

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