ओलिंपिक स्पर्धाओं में बदलाव से निशानेबाजी के माहौल पर बड़ा असर पडेगा: नारंग
|ओलिंपिक ब्रॉन्ज मेडलिस्ट गगन नारंग के मुताबिक अगर भविष्य में ओलिंपिक के लिये ISSF (इंटरनैशनल शूटिंग स्पोर्ट्स फेडरेशन) ऐथलीट आयोग की मिश्रित टीम की सिफारिश को विश्व संस्था ने मंजूरी दे दी तो इससे निशानेबाजी के माहौल को करार झटका लगेगा। इस फैसले को मिश्रित प्रतिक्रिया मिली है।
भारत के एकमात्र व्यक्तिगत ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट अभिनव बिंद्रा की अध्यक्षता वाली ISSF ऐथलीट आयोग ने ओलिंपिक खेलों के लिए मिश्रित टीम स्पर्धा की सिफारिश की है। पैनल ने डबल ट्रैप पुरुष स्पर्धा की जगह मिश्रित ट्रैप स्पर्धा के अलावा 50 मीटर प्रोन पुरुष स्पर्धा को मिश्रित एयर राइफल स्पर्धा और 50 मीटर पिस्टल पुरुष स्पर्धा को मिश्रित एयर पिस्टल स्पर्धा में बदलने की मांग की है।
नारंग ने पीटीआई से बात करते हुए कहा, ‘निशानेबाजी खेल के माहौल को इन तीन स्पर्धाओं के ओलिंपिक कार्यक्रम से हटने से करारा झटका लगेगा।’ नारंग हालांकि इससे ज्यादा दुखी नहीं है लेकिन इसे अपनाने के लिये तैयार हैं। जब नारंग से उनके बयान को विस्तार से बताने के लिए कहा गया तो उन्होंने कहा, ‘पूरी दुनिया में प्रोन स्पर्धा काफी लोकप्रिय है और समझो कि अगर इसे हटा लिया गया तो कई निशानेबाज जो सिर्फ प्रोन में ही निशानेबाजी कर रहे हैं, वे बाहर हो जाएंगे।’
उन्होंने कहा कि उपकरण बनाने वाली इकाईयों पर भी काफी असर पड़ेगा। नारंग ने कहा, ‘उपकरण बनाने वाली कंपनियां इन्हें बनाना बंद कर देंगी जो 50 मीटर प्रोन और 50 मीटर पिस्टल स्पर्धा के लिए चाहिए होते हैं।’
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