ऑटो टैक्सी यूनियंस सरकार से खफा
| भारतीय मजदूर संघ से जुड़ी ऑटो टैक्सी यूनियनों के प्रतिनिधियों का आरोप है कि परिवहन मंत्री गोपाल राय ने ऑटो चालकों की समस्याओं के निदान के लिए जो बैठक बुलाई थी, उसमें हिस्सा लेने के लिए उन्हें सिर्फ इसलिए नहीं बुलाया गया, क्योंकि सरकार की नीतियों के विरोध में 2 अगस्त को उन्होंने हड़ताल की थी। सरकार के इस रवैये से मजदूर संघ से जुड़ी यूनियंस खासी खफा हैं। उनकी नाराजगी की एक वजह यह भी है कि सरकार ने इस बैठक में कांग्रेस की ऑटो यूनियन को बुलाया, लेकिन उनके साथ कोई बातचीत नहीं की गई, जबकि उन्होंने बातचीत करने के लिए पिछले हफ्ते परिवहन मंत्री को चिट्ठी भी लिखी थी। अब मजदूर संघ की यूनियनों ने सरकार इस रवैये के खिलाफ फिर से विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है। दिल्ली ऑटो रिक्शा संघ और दिल्ली प्रदेश टैक्सी यूनियन के महासचिव राजेंद्र सोनी के मुताबिक मजदूर संघ से जुड़ी ऑटो टैक्सी यूनियंस ने फैसला किया है कि वे लोग 21 सितंबर को समता स्थल पर इकट्ठा होंगे और अपने ऑटो टैक्सी पर काला झंडा लगा कर दिल्ली सचिवालय तक रैली निकालेंगे। उसके बाद अपने परमिट सरकार को सरेंडर कर विरोध जताएंगे। साथ ही रोज काला झंडा लगाकर ऑटो चलाएंगे। उधर, ऑल दिल्ली ऑटो टैक्सी ट्रांसपोर्टर्स कांग्रेस के अध्यक्ष किशन वर्मा ने कहा कि उनकी यूनियन ने बैठक में हिस्सा लिया और पूछो ऐप, ग्रामीण सेवा और ई-रिक्शा के मसले पर सरकार को जरूरी सुझाव देकर सिटी टैक्सी स्कीम का समर्थन किया। रोजगार पाने का हक सबको है और किसी को उसमें अड़ंगा नहीं लगाना चाहिए। उनकी यूनियन ने हड़ताल में शामिल ऑटो टैक्सी चालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग भी परिवहन मंत्री से की है।
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